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किसानों के बर्बादी का कारण बनी नीलगाय:नीलगाय के उत्पात से खेती करना किसानों को हुआ महंगा

नीलगाय के आतंक से किसानों के फसल क्षतिग्रस्त
सीवान(बिहार)जिले में किसानों के लिए आफत बनी है नीलगाय।जिले में नीलगायों के आतंक से किसानों को खेती करने में लागत अधिक हो गया है।इसके बाद भी नीलगायों के आतंक से किसान अपनी फसल को बचाने में सफल नहीं हो रहे है।जिससे कारण किसानों की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो रही है।किसान अपने खेतों की फसल बचाने के लिए खेतो को कटीले तार से घेराबंदी करा रहे है तथा खेतो की रखवाली, खेतो में पुतला खड़ा कर रहे है।लेकिन इतने जुगाड़ लगाने के बाद भी किसानों का फसल बच जाए इसकी कोई ग्रांटी नहीं है।कटीले तार जैसे ही पुराने हो रहे है वैसे ही झुंड में नीलगाय खेतों में प्रवेश कर फसल को चट कर जा रही है।जिससे किसान को खेती करना महंगा ही नहीं बहुत ही कष्टदायक भी हो गया है।
जिले के किसान जहां एक तरफ लगातार दो वर्षों से बाढ़ की मार का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नीलगाय के आतंक से भी परेशानी बढ़ी हुई है। नीलगायों के झुंड गेहूं, मक्का, गौभी, आलू, सरसों आदि फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। रात का अंधेरा हो या फिर दिन का उजाला इससे इन जंगली जानवरों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। खाने से ज्यादा इनके पैरों से फसल की बर्बादी हो रही है। ऐसी स्थिति में प्रखंड के किसान भगवान भरोसे खेती करने को मजबूर हैं। किसानों ने बताया कि 24 घंटे खेतों की रखवाली करना संभव नहीं है। इसे भगाने के लिए खेतों में पुतला खड़ा किए हुए हैं। साथ ही पटाखे भी फोड़ रहे हैं, लेकिन नीलगाय के झुंड फसल को बर्बाद करने में लगे हुए हैं।किसान नीलगाय से ही परेशान नहीं है बल्कि इनके फसलों को जंगली सुअर भी बर्बाद कर रही है।

रात को कौन कहे दिन में फसल को चट कर जा रही नीलगाय
प्रखंड क्षेत्र के किसानों के फसल को रात को कौन कहे दिन में फसल को चट कर जा रही है नीलगाय।किसान अर्जुन सिंह ने बताया की वर्तमान समय में खेती करना बहुत ही खर्चीला हो गया है।इसके बाद भी किसान तन मन धन से खेती में लगे है।तो दूसरी तरफ नीलगाय और जंगली सुअर के आतंक से किसान सोचने पर मजबूर हो जा रहे है।कारण की झुंड में निकली नीलगाय यदि खेत में प्रवेश करती है तो खाती कम है बल्कि उसके पैरों से किसान के फसल के साथ उसके किस्मत को रौंदते जाती है।शंकर प्रसाद ने बताया कि मैंने एक एकड़ में फूल गोभी की खेती लाखों रुपया खर्च कर किया था।लेकिन नीलगायों के उत्पात से लागत खर्च भी निकालना मुश्किल दिखाई दे रहा है।विजय महतो,लग्न महतो,बबलू साह, गुड्डु सिंह आदि किसानों ने बताया कि बेरोजगारी दूर करने के लिए सब्जी के फसल लगाए थे।लेकिन नीलगायों ने खेत में लगे फसल को बर्बाद करने से जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।
वन उपपरिसर पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि भगवानपुर हाट प्रखंड को नीलगाय से पूर्णतया प्रभावी क्षेत्र बताते हुए विभाग के वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजा गया है।