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सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा लोहार को अनुसूचित जाति सूची से बाहर करने के फैसले के खिलाफ संगठनात्मक बैठक

बैठक को संबोधित करते मुख्यातिथि

लकड़ी नवीगंज(सीवान)प्रखंड के मदारपुर गांव में स्थित न्यू डीएवी के परिसर में डॉ.प्रभुनाथ शर्मा के अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ संगठनात्मक बैठक हुई।बैठक में मुख्यातिथि पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शिवसागर शर्मा ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के शिकायत पर आवेदक को रिलीफ दिया गया है साथ ही साथ इस मामले में राज्य सरकार के फैसलों को असंवैधानिक करार देते हुए आर्थिक दंड भी लगाया गया है।चुकी इस मामले में राज्य सरकार पुनः माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिक दायर करने की तैयारी कर रही है।लेकिन अपना समाज प्रभावित पक्ष होने के नाते वृहत रूप से एक जनहित याचिका सहितमाननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर करने का बैठक में निर्णय लिया है।संगठनात्मक बैठक में तय किया गया कि समाज का कोई भी व्यक्ति अनुसूचित जनजाति लोहार हिंदी में एवं अंग्रेजी में लोहरा ही लिखने का निर्णय लिया गया।बैठक में अन्य वक्ताओं ने समाज की लड़ाई लड़ने के लिए एक जुट होने का संकल्प लिया तथा इस लड़ाई को मुकाम तक पहुचाने के लिए समाज को एक जुट करने की बात कही।इस मौके पर दिलीप शर्मा दीपक,अम्बालाल शर्मा,जितेंद्र शर्मा,असेसर शर्मा, अमरनाथ शर्मा,सुशांत कुमार शर्मा,विनोद शर्मा, राजकिशोर शर्मा,प्रभु शर्मा, रामनरेश शर्मा,हरिकिशोर शर्मा, रतिकांत शर्मा,नागमणि, उमेश शर्मा,राकेश शर्मा, हीरालाल शर्मा सहित सैकड़ों लोहार समाज के लोग उपस्थित थे।