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देश मे निःशक्त व्यक्तियों के लिए नीतियां तो बनी लेकिन जमीनी स्तर पर उसका क्रियान्वयन नहीं-प्रो. रजनी रंजन सिंह

मोतिहारी(बिहार)स्वामी विवेकानंद सीरीज के अंतर्गत चिंतनशील संवाद आत्म निर्भर भारत के द्वितीय चरण में शैक्षिक अध्ययन विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार , शिक्षाशास्त्र विभाग उत्तर पूर्वीय पर्वतीय विश्वविद्यालय(NEHU) मेघालय तथा शिक्षा विद्यापीठ केन्द्रीय विश्वविद्यालय तमिलनाडु के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय सार्वजनिक नीति विमर्श – 2020 का आयोजन किया गया है।कार्यक्रम के आज अंतिम दिन “समावेशन और विकलांगता पर राष्ट्रीय सार्वजनिक नीति विमर्श “उप विषय का शुभारंभ कार्यक्रम संयोजिका डॉ मनीषा रानी के अतिथियों के स्वागत एवं परिचय भाषण से हुआ। पहले विशेषज्ञ के रूप प्रो०रजनी रंजन सिंह ( विभागाध्यक्ष, डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय) का सानिध्य प्राप्त हुआ, जिसमे उन्होंने कहा कि हमारे देश में निःशक्त व्यक्तियों के लिए नीतियां बनी, परंतु जमीनी स्तर पर उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ,अतः जरूरत है नीतियों के क्रियान्वयन की। दूसरे विशेषज्ञ के रूप में डॉ प्रतिमा कुमारी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली ) ने अपने अनुभव साझा किए, उन्होंने कहा कि, निःशक्त जन व्यक्तियों को समान अवसर एवं प्रवासी पुनर्वास की सुविधा मिले तो वे बेहतर जीवन व्यतीत कर सकते है । तीसरे विशेषज्ञ के रूप में डॉ भूपति पी० (केन्दीय विश्वविद्यालय तमिलनाडु) ने अपने अनुभव साझा किए ,जिसमे उन्होने कहा कि सार्वजनिक भवन , परिवहन जैसे सड़क, प्लेटफार्म, बस स्टॉप, इत्यादि तक इनकी पहुच आसान की जाय । चौथे विशेषज्ञ के रुप में डॉ सी०रामामुनि रेड्डी (हैदराबाद विश्वविद्यालय) ने अपने अनुभव साझा किए जिसमे उन्होंने कहा कि, सयुक्त राष्ट्र ने सभी निःशक्त जन के लिए समान मानवाधिकारों ,और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना , उनके प्रतिष्ठा के लिए सम्मान का प्रचार करने की अपील की। अंतिम वक्ता के रुप में डॉ सुभाष मिश्रा (शिक्षा विद्यापीठ, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर लखनऊ) का सानिध्य प्राप्त हुआ, जिसमे उन्होंने कहा कि कक्षा में हर बालक विशिष्ट होता है अतः एक शिक्षक होने के नाते हमे उसकी पहचान करनी चाहिए, तथा उसका उचित प्रबंध करना चाहिए । तत्तपश्चात कार्यक्रम निर्देशक प्रो०एस०सी०मोमिन (नेहु विश्वविद्यालय)ने सभी आयोजको एवं प्रतिभागियों को सफल आयोजन की बधाई दी । धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ पैथलोथ ओमकार ने माननीय कुलपति प्रो० संजीव कुमार शर्मा एवं प्रो० आशीष श्रीवास्तव संकायाध्यक्ष के प्रति आभार ब्यक्त किये,और भविष्य में इस तरह के कार्य करने के प्रति निष्ठा एवं प्रतिबद्धता दुहराई। कार्यक्रम का सफल संचालन कार्यक्रम सह संयोजक डॉ रश्मि श्रीवास्तव ने किया, इस मौके पर प्रो० आशीष श्रीवास्तव(संकायाध्यक्ष) डॉ मुकेश कुमार , प्रो०प्रशांत पांडा,डॉ कनिका दास, डॉ गीतम छेत्री, डॉ संगमा, तथा शोधार्थी गणेश शुक्ल, इंदुबाला, मनीष, अंगद, रंजन, अलोकिता विशाल, सविता , सुनील दुबे, रंजय पटेल,विद्यार्थी नवीन,तूलिका, अंकिता, संजीव, नूतन, कंचन, तथा 200 प्रतिभगी तकनीकी माध्यमों से जुड़े हुए थे ।