दिशा में उपलब्ध संभावनाओं की ओर से ध्यानाकर्षित किया। कार्यक्रम के अंत में भौतिक एवं खगोलभौतिकी विभाग में सह आचार्य तथा फीजिक्स ऐसोसिएशन