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कोविड-19 टीकाकरण के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई टास्क फोर्स की बैठक

  • प्रथम चरण में चिकित्सकों एवं फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों को लगेगा टीका
  • आम लोगों के टीकाकरण हेतु बनाई जाएगी टीम,चिकित्सक, टीकाकर्मी के साथ ही सुरक्षाकर्मी भी रहेंगे शामिल
  • स्थानीय प्रतिनिधियों का भी लिया जाएगा सहयोग

पूर्णिया(बिहार)कोविड-19 टीकाकरण हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षात्मक बैठक जिला पदाधिकारी राहुल कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई. आयोजित बैठक में जिला पदाधिकारी राहुल कुमार ने प्रथम चरण के टीकाकरण के लिए सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थाओं व उसमे उपलब्ध सदस्यों की जानकारी ली. इसके साथ ही आमलोगों तक भी टीकाकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए. बैठक में जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा, जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी, अपर समाहर्ता, डीएसपी, डीआईओ डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान, डीपीएम (चिकित्सा) ब्रजेश कुमार सिंह, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, डब्लूएचओ एसएमओ डॉ. दिलीप, केयर इंडिया, यूनीसेफ अधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी, आईसीडीएस अधिकारियों के साथ ही धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

सरकारी व निजी स्वास्थ्य कर्मियों का डाटाबेस तैयार :

कोविड-19 टीकाकरण का पहले चरण में सरकारी व निजी क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों व फ्रंट लाइन कर्मियों को टीका लगाया जाएगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सरकारी व निजी स्वास्थ्य कर्मियों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है. जिले में सरकारी अस्पतालों के अलावा 220 निजी अस्पताल के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रथम चरण के टीकाकरण के लिए सुनिश्चित किया गया है. अभी तक जिले के 6074 स्वास्थ्य कर्मियों का डेटा तैयार हुआ है. कुछ अन्य निजी अस्पतालों का विवरण स्वास्थ्य विभाग को नहीं उपलब्ध कराया गया है जिसके लिए जिला पदाधिकारी ने आपत्ति जताई. जिला पदाधिकारी राहुल कुमार ने जल्द ही सभी निजी अस्पतालों का विवरण उपलब्ध कराने व आदेश का उल्लंघन करने की स्थिति में उनपर करवाई करने का निर्देश दिया. प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाना है जबकि इसके बाद 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा. 18 वर्ष से नीचे के व्यक्तियों का टीकाकरण नहीं किया जाना है.

टीकाकरण में उपलब्ध होगी सभी जरूरी सुविधाएं :

बैठक में जिलाधिकारी राहुल कुमार द्वारा कोविड-19 टीकाकरण सम्बंधित माइक्रोप्लान की समीक्षा की गई. उन्होंने बताया कि 100 व्यक्तियों के टीकाकरण हेतु एक दल का निर्माण किया जाएगा. प्रत्येक दल में 1 प्रशिक्षित टीकाकर्मी, उनके सहयोग हेतु 2 उत्प्रेरक,1 सुरक्षा कर्मी, लाभार्थियों के सत्यापन हेतु 1 सत्यापनकर्ता उपलब्ध होंगे. टीकाकरण स्थल पर लाभार्थियों के ठहराव के लिए वेटिंग एरिया का निर्धारण किया जाएगा. टीकाकरण के पश्चात लाभार्थी को 30 मिनट तक टीकाकरण स्थल पर उपस्थित रहना है. कोविड-19 के वैक्सीन का भंडारण हेतु सभी स्तर पर कोल्ड चेन गृह के साथ भंडारण क्षमता बढ़ाने हेतु अतिरिक्त शीत श्रृंखला की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जिले के कुल लाभार्थियों की सूची को संकलित कर इसे कोविड-19 CVBMS पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. टीकाकरण के पश्चात सत्र स्थल पर टीकाकरण जनित कचड़ों का निस्तारण के लिए बायो-वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा.

प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक करने एवं स्थानीय प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करने का दिया निर्देश :

आयोजित बैठक में जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स की बैठक आयोजित कर टीकाकरण के लिए जरुरी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. प्रखंडों में टीकाकरण संबंधित माइक्रो प्लान तैयार करने, टीकाकर्मी, उत्प्रेरक, सत्र स्थल पर पोर्टल पर आंकड़ों के संधारण हेतु प्लानिंग, संचार योजना, कोल्ड चैन एवं वैक्सीन लॉजिस्टिक प्लानिंग आदि प्रमुख गतिविधियों की समीक्षा करने तथा स्थानीय स्तर पर प्रत्येक गतिविधियों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. टीकाकरण के लिए अन्य सम्बंधित विभागों यथा आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधि, टीकाकरण में सहयोग प्रदान कर रहे सहयोगी संस्थान यथा डब्लूएचओ, यूनीसेफ, यू.एन.डी.पी., केयर के साथ ही अन्य एनजीओ के साथ ही धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों का भी सहयोग लेने का निर्देश दिया गया. टीकाकरण स्थल पर सत्यापनकर्ता के रूप में आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, विकास मित्र, टोला सेवक आदि के सहयोग सुनिश्चित किया जाना है.

सशक्त टीकाकरण हेतु लोगों को किया जाए जागरूक :

समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया है. कोविड-19 के टीकाकरण सम्बंधित गलत सूचनाओं को रोकने के लिए स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि व धार्मिक संगठनों की सहायता लेने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है.