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वैशाली जिले में धूमधाम से मनी संत शिरोमणि गुरू रविदास की जयंती

हाजीपुर(वैशाली)जिले के जंदाहा प्रखंड के चांदसराय पंचायत के रविदास मुहल्ला में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी का जयंती धूमधाम से मनाया गया।इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। उसके बाद उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।सामाजिक कार्यकर्ता सह कांग्रेस नेता उत्तम कुमार ठाकुर ने बताया कि प्रत्येक वर्ष माघ महीने के पूर्णिमा को संत रविदास के जयंती के रूप में मनाया जाता है।रविदास जी एक महान संत होने के साथ दर्शनशास्त्री, कवि समाज सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे।उनका व्यक्तित्व बेहद सरल और प्रभावशाली था।वे कभी किसी को जाति से ऊंचा या नीचा नहीं मानते थे।

वे मानवता में यकीन करते थे।उनका मानना था कि मानव ईश्वर की एक रचना है और सभी मानव एक समान है।यही वजह है कि संत रविदास जी के शिष्यों में हर जाति व धर्म के लोग शामिल थे।इस कार्यक्रम में उपेंद्र राम,सुंदेशर राम,चंदन कुमार, सुजीत कुमार,प्रवीण कुमार,विष्णुदेव राम,राजा कुमार,प्रभात कुमार, लखिंदर राम,योगेंद्र राम,चंदे मांझी के अलावा सैकड़ों लोग शामिल हुए।

वहीं जिले के महनार प्रखंड के सरमस्तपुर गांव के वार्ड नंबर छह के निवासी वैधनाथ राम के आवासीय परिसर में संत रविदास की जयंती धूमधाम से मनाया गया।इस अवसर पर जिला पार्षद सदस्य राज करण राम,सरमस्तपुर पंचायत के पूर्व मुखिया सह वर्तमान मुखिया पति मोहम्मद मुख्तार,वार्ड सदस्य मोहम्मद नजरे आलम,कामेश्वर राम,सुरेश राम,चुल्हाई पासवान,सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रिका दास,सुरेश मास्टर,विजय राम मास्टर,मुकेश कुमार विकास मित्र,राहुल कुमार आदि समेत कई गणमान्य शामिल हुए और संत रविदास को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।वहीं जिले के सभी प्रखंड स्थित निजी,सरकारी विद्यालय,सामाजिक संस्थान समेत विभिन्न स्थानों में संत रविदास की जयंती धूमधाम से मनाया गया और लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।इस अवसर पर जन्दाहा प्रखंड बाजार स्थित मध्य विद्यालय जन्दाहा,उत्क्रमित मध्य विद्यालय बालक,उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या,उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय,प्राथमिक विद्यालय संस्कृत,नव सृजित विद्यालय चकदीवान दस बिगहिया,राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय चकदीवान आदि समेत प्रखंड क्षेत्र के सभी विद्यालय में संत रविदास की जयंती धूमधाम से मनाते हुए शिक्षक,शिक्षिका,छात्र-छात्राओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित की।