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राज्य के अस्पताल में इलाज के लिए कोरोना जांच की आवश्यकता को खत्म किया गया

अब ओपीडी और इमरजेंसी में इलाज के नियम:अब नहीं करानी होगी कोरोना जांच, संक्रमितों की संख्या कम होते ही बदली स्वास्थ्य सेवाओं का गाइडलाइन

पटना(बिहार)सूबे में कोरोना का मामला कम होते ही अब स्वास्थ्य सेवाओं का गाइडलाइन बदल दी गई है। अब ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इलाज के लिए कोरोना संक्रमण की जांच की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया है। इसके लिए अस्पतालों ने अपनी नई एसओपी जारी कर दी है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ने तो अब ओपीडी में मरीजों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 कर दी है। इसके साथ ही इलाज और बीमारी के बीच कोरोना संक्रमण की बाधा को भी खत्म कर दिया है। अब ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में इलाज के लिए कोरोना जांच की कोई बाध्यता नहीं होगी।

आईजीआईएमएस से लेकर अन्य अस्पतालों में नई व्यवस्था लागू
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान से लेकर पटना के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी नई व्यवस्था लागू की गई है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ने तो पूरी व्यवस्था बदल दी है। कोरोना काल में ओपीडी पूरी तरह से बंद कर दी गई थी और फिर कोरोना का मामला थोड़ा कम होने के बाद ओपीडी सेवा 50 मरीजों के साथ सभी विभागों में शुरु की गई। अब इसे बढ़ाकर 100 कर दिया गया है और इलाज के लिए कोरोना की जांच भी अब खत्म कर दिया गया है। पटना मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों की ओपीडी भी सामान्य कर दी गई है और कोरोना की जांच भी अब जरुरी नहीं है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी में इलाज के पहले कोरोना की जांच नहीं कराई जाएगी। इसी तरह पटना एम्स में भी यही व्यवस्था लागू की गई है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भी अब मरीजों को इलाज से पहले या फिर भर्ती होने से पहले कोरोना की जांच नहीं करानी होगी।


जानिए अब IGIMS में इलाज का तरीका
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की OPD में इलाज के लिए मरीजों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मोबाइल एप की मदद से मरीज न सिर्फ इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं बल्कि जांच की रिपोर्ट भी ले सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाए जाने तक IGIMS में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाई गई थी।मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल का कहना है कि अब कोरोना की जांच नहीं करानी होगी तथा ओपीडी का रजिस्ट्रेशन 50 से बढ़ाकर 100 कर दिया गया है। भीड़ बढ़ेगी तो आने वाले दिनों में ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था की जाएगी।

4 विकल्प में कर सकते हैं चयन
ई – मेल की पुष्टि होने के बाद आइजीआइ एप पर लॉगिन के बाद मुख्य पेज पर चार विकल्प दिखाई देगा। ( 1. लैब रिपोर्ट, 2. ओपीडी शेड्यूल, 3.पैथ फाइंडर, 4. ऑनलाइन कंस्लटेशन) ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए विकल्प नंबर 4 ( ऑनलाइन कंस्लटेशन) पर क्लिक करना होगा। उसके बाद ऑनलाइन पंजीकरण का पेज खुलेगा जिसमें मरीज के बारे में जानकारी दर्ज करना होगा। जिस दिन डॉक्टर को दिखाना है उसी दिन का रजिस्ट्रेशन कराना हाेगा। इसके लिए संबंधित डेट की एंट्री करनी पड़ेगी। इसके बाद कैप्चा वेरीफाई करना होगा और फिर सबमिट कर देना होगा।
ऑनलाइन जमा करना होगा ओपीडी का शुल्क
मरीज से संबंधित पूरी जानकारी फीड करने के बाद एप से ही ऑनलाइन जमा करना होगा ओपीडी का शुल्क। 50 रुपए का रजिस्ट्रेशन शुल्क ( 50 रुपए) तथा टेली मेडिसिन के लिए 6 रुपए प्रति 10 मिनट के लिए शुल्क देना होगा। पेमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रजिस्ट्रेशन कंफर्म हो जाएगा। इसके बाद एक स्लिप बनेगा जिसका प्रिंट मरीज निकाल सकते हैं। इसके बाद मरीज के पास डॉक्टर से मिलने के दो विकल्प हेंगे। पहला विकल्प टेली मेडिसिन का और दूसरा ऑफलाइन का ऑप्शन होगा। मरीज या उनके परीजन इन दो विकल्पों में से अपनी सुविधा अनुसार किसी भी विकल्प को चुन सकते हैं । अगर किसी भी मरीज के परीजनों को इस एप को शुरू करने में कोई भी परेशानी होती है तो अपने मोबाइल व ई – मेल के साथ आइजीआइएमएस के आयुश्मान काउन्टर नंबर पर संपर्क कर सकते हैं या फिर support@mehtadatamatics.com पर ई – मेल कर सकते हैं।