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बालमुकुंद गुप्त बिना हिंदी साहित्य का अध्ययन अधूरा- प्रो. टंकेश्वर कुमार

हकेवि में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत बालमुकुंद गुप्त पर केंद्रित दस दिवसीय प्रदर्शनी की हुई शरुआत

महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में बालमुकुंद गुप्त की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी रचनाओं पर केंद्रित इस दिवसीय पोस्टर प्रदर्शनी की शुरुआत हुई। विश्वविद्यालय के राजभाषा अनुभाग व हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के संयुक्त प्रयासों से विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अमित मनोज के द्वारा तैयार ‘रचना पोस्टर प्रदर्शनी‘ का सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने शुभारंभ किया। कुलपति ने इस अवसर पर हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता के उन्नायक बालमुकुंद गुप्त के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके बिना हिंदी साहित्य का अध्ययन अधूरा है। इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के समन्वयक प्रो. सुरेंद्र सिंह व हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीर पाल सिंह यादव भी उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड चार में लगाई गई इस रचना पोस्टर प्रदर्शनी में बालमुकुंद गुप्त के द्वारा रचित रचनाओं को प्रदर्शित किया गया। इनमें उनके द्वारा आजादी की लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विचारों पर आधारित रचनाएं प्रमुख रूप से शामिल रहीं। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने के पश्चात कहा कि यह प्रदर्शनी अवश्य ही विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य के बड़े रचनाकार बालमुकुंद गुप्त को करीब से जानने का अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने इस आयोजन के लिए राजभाषा अनुभाग, हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति व डॉ. अमित मनोज व उनके सहयोगियों की जमकर प्रशंसा की। आयोजन के दौरान डॉ. अमित मनोज ने विस्तार पूर्वक विभिन्न रचनाओं और उनके अर्थ की व्याख्या कुलपति के समक्ष प्रस्तुत की। हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के समन्वयक प्रो. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न आयोजनों का शुभारंभ हो गया है और आगामी 27 सितंबर तक विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं व कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के सदस्य प्रो. प्रमोद कुमार, डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय, डॉ. देवेंद्र राजपूत, हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह सहित विश्वविद्यालय शिक्षक डॉ. कामराज सिंधु, डॉ. कमलेश कुमारी, डॉ. अरविंद सिंह तेजावत, डॉ. रीना स्वामी, डॉ. अजयपाल, डॉ. सुमन रानी, डॉ. नवीन सहित विभिन्न विभागों के विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।