बक्सर के 136 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य तय
बक्सर:प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान और टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम की समीक्षा को लेकर 27 मार्च 2025 को समाहरणालय सभाकक्ष में जिला टीबी फोरम की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने की।
जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक जिले की 57 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इनमें से 54 पंचायतों को कांस्य पदक और 3 पंचायतों को रजत पदक के लिए नामित किया गया है। उन्होंने सभी 136 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य तय करने का निर्देश दिया। इसके लिए सिविल सर्जन और जिला यक्ष्मा पदाधिकारी को हर माह समीक्षा कर रिपोर्ट देने को कहा गया।
जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की निक्षय आईडी खोलने का निर्देश दिया। इससे वे टीबी मरीजों का विवरण पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। इससे डाटा एंट्री की प्रक्रिया तेज होगी। उन्होंने कहा कि जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए पंचायत से लेकर जिला स्तर तक सभी को टीम की तरह काम करना होगा।

निजी अस्पतालों की धीमी प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नोटिफाइड मरीजों को मिलने वाली निक्षय पोषण राशि समय पर डीबीटी के माध्यम से दी जाए। उन्होंने निजी अस्पतालों में सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।
जिलाधिकारी को बताया गया कि जिले में टीबी मरीजों की जांच बढ़ी है। जांच के दौरान 65 मरीजों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। इनमें से 28 मरीजों का इलाज आरा के एआरटी सेंटर में हो रहा है। वहीं, 495 टीबी मरीजों में डायबिटीज के लक्षण मिले हैं। इनमें से 290 का इलाज एडीटी के माध्यम से चल रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने बक्सर में एआरटी सेंटर खोलने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों को दूसरे जिले नहीं जाना पड़ेगा।
बैठक के अंत में टीबी मुक्त पंचायत पहल में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। ब्रह्मपुर, नावानगर और राजपुर के बीडीओ, चौसा, इटाढ़ी और केसठ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, कुमार गौरव, प्रिंस कुमार सिंह, मनीष कुमार श्रीवास्तव, पंकज कुमार, बब्लू कुमार और विजय प्रताप यादव को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी ने सभी को बेहतर कार्य के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, डब्ल्यूएचओ के एनटीपी कंसलटेंट, पीरामल के डीसी, सीएफएआर के एसपीए और डीटीसी के कर्मी मौजूद थे।