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परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा मांगों का ज्ञापन

हाजीपुर(वैशाली)परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला इकाई वैशाली ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की बहाली के लिए जारी किए विज्ञप्ति में कई विसंगतियों पर शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री बिहार सरकार को जिलाधिकारी वैशाली के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है।

जिसमे परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दिनेश पासवान के नेतृत्व में संघ के जिला वरीय सचिव नवनीत कुमार,संयोजक मनौवर अली नूरानी, कोषाध्यक्ष इंद्रदेव महतो,हाजीपुर प्रखंड अध्यक्ष राजू रंजन,नगर संयोजक अमरेंद्र कुमार शामिल हुए। शिक्षकों ने कहा कि बिहार में एक भी बहाली त्रुटिरहित नहीं हो सकी है।

उसी तरह प्रधान शिक्षक की बहाली के लिए जो विज्ञापन आई है उसमें इतनी सारी विसंगतियां हैं कि यह बहाली और मामलों की तरह न्यायालय में जाएगी।कुल मिलाकर दिखावे के लिए बहाली का ढोंग रचा जा रहा है।अध्यक्ष दिनेश पासवान ने कहा कि प्रधान शिक्षक बहाली में जो अहर्ता घोषित की गई है इसमें मान्यता प्राप्त संस्था डीएलएड/ बीटी/ बीएड/ बी एस सी एड/ बीएलएड उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसमें जितने भी प्रशिक्षणों का नाम लिखा है डिग्रियों वाले शिक्षक अभ्यार्थी राज्य में मिलेंगे ही नहीं। एक लाख बाबन हजार दो सौ बाइस शिक्षक बिहार सरकार ने इग्नू डीपीई के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित कराया। परंतु डीपीई की चर्चा इसमें है ही नहीं। डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों का आवेदन मांगा है। परंतु डीपीई प्रशिक्षित शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है। दोनों ही प्रशिक्षण डिप्लोमा प्रशिक्षण है। जिसके नाम में प्राइमरी एवं एलिमेंट्री शब्द का हेरफेर है जो कि दोनों ही समानार्थक शब्द है। इसलिए डीपीई को प्रशैक्षणिक योग्यता को सम्मिलित करते हुए संशोधित विज्ञापन निकाला जाना चाहिए अन्यथा संघ माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करने पर विवश होगी।जिला वरीय सचिव नवनीत कुमार ने कहा कि विज्ञापन में प्रशिक्षित शिक्षकों को आवेदन योग्य माना गया है परंतु प्रशिक्षित होने के बाद 8 वर्ष का अनुभव अनिवार्य कर दिया गया 2007, 2008, 2010 में बहाल हुए शिक्षकों को सरकार ने नियमावली में स्पष्ट किया था कि जो भी अप्रशिक्षित शिक्षक है उन्हें राज्य सरकार प्रशिक्षित करवाने की व्यवस्था करवाएगी।

परंतु वैसे शिक्षकों को प्रशिक्षित करवाने में संसाधन के अभाव के कारण प्रशिक्षण देरी से करवाई गई 2013 से 2015 में डीएलएड का प्रशिक्षण कराया गया। इस प्रकार जो भी शिक्षक डीएलएड प्रशिक्षित हो पाए उनका अनुभव 8 वर्ष पूरा नहीं हो पा रहा है। सरकार अपना विफलता शिक्षकों के माथे मढ़ रही है। नवनीत कुमार ने मांग किया कि जो भी शिक्षक सरकारी विद्यालय में कार्यरत है उन्हें बीपीएससी के प्रस्तावित परीक्षा में बैठने का समान अवसर मिलना चाहिए ।जो भी प्रतिभाशाली शिक्षक होंगे वह लोग चयनित होकर आएंगे। इसमें सरकार को क्या आपत्ति थी। परंतु शिक्षक विरोधी सरकार की इस करणी पर अपनी मांगों को लेकर सड़क से न्यायालय तक की लड़ाई तेज करेंगे। डी एल एड एवं डीपीई प्रशिक्षित शिक्षकों की हकमारी पर हम चुप नहीं बैठेंगे।