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पत्नी की कैंसर से गई जान, तो पति ने कैंसर के प्रति लोगों को घूम घूम कर रहा जागरूक

बिहार:कैंसर का नाम सुनकर हर कोई डर जाता है और इसकी सबसे बड़ी वजह इसके बारे में जानकारी नहीं होना है।जानकारी नहीं होने की वजह से लोगों का जान तक भी चला जाता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कैंसर के लक्षणों की सही समय पर पहचान और निदान से बेहतर और सफल इलाज में मदद मिल सकती है। दुर्भाग्यवश कैंसर के बहुत से लक्षणों का शुरुआत में पता नहीं चल पाता है और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।यही वजह है कि डॉक्टर और एक्सपर्ट कैंसर के मामूली और हल्के लक्षणों पर भी बारीकी से नजर रखने की सलाह देते हैं।

लेकिन आज जिस कहानी को मैं आपको बताने जा रहा हूं. वह काफी रोचक है।डॉ. बाबुल पाठक पेसे से अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक है।जो गुवाहाटी असाम के रहने वाले हैं।इनकी पत्नी डॉ. सुसित्रा पाठक कैंसर बीमारी से पीड़ित थी।जिस बीमारी का समय रहते पता नहीं चल पाया। वहीं गंभीर बीमारी हो जाने के वजह से उनकी मौत हो गई।इसके बाद डॉ. बाबुल पाठक देश के लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साइकिल से देश में भ्रमण कर रहे हैं और लोगों को कैंसर के बारे में जानकारी दे रहे हैं।पाठक डूंगला लद्दाख कन्याकुमारी से यात्रा सुरुकिए है। विभिन्न राज्यों से यात्रा करते हुए बिहार के छपरा में प्रवेश किए हैं।जहां उन्होंने लोगों को कैंसर के प्रति जागरुक करते हुए नजर आए।

डॉ. बाबुल पाठक ने बताया कि मेरे पत्नी का कैंसर हुआ था जिसका शुरुआती समय में पता नहीं चल पाया, जब कैंसर बीमारी का पता चला तो हम लोग घबरा गए, उसके बाद मेरे पत्नी का इलाज के दौरान मौत हो गया। उसी समय मैंने ठान लिया कि देश के लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करूंगा।जिस उद्देश्य को लेकर मैं देश में लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि अगर शुरुआती दौड़ में कैंसर का इलाज करवाया जाएगा तो ठीक हो जाएगा। युवाओं को जागरुक करते हुए कहा कि युवा पान मसाला गुटका इत्यादि काफी संख्या में सेवन कर रहे हैं। जिसके वजह से कैंसर हो रहा है।कहां की इन सभी नशीला पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए,यह भी कहा कि मैं कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साइकिल से पूरे देश का यात्रा कर रहा हूं।