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12 करोड़ की लागत से बने जलमीनार बनी शोभा की वस्तु, स्थानीय जनप्रतिनिधि की लापरवाही से है बन्द

गिरिडीह(झारखंड)जिले के बिरनी प्रखंड के पेशम में पेजल एवं स्वछता विभाग की ओर से बने जलमीनार इन दिनों स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के वजह से शोभा की वस्तु बनी हुई है। जानकारी के अनुसार विभाग ने 12 करोड़ की लागत से 1.40 लाख क्षमता का जलमीनार बनाया था ताकि गादि एवं पेशम पंचयात के ग्रामीणों की प्यास बुझ सके परन्तु इस तपती गर्मी में भी ग्रामीणों को पानी के लिए कुआं एवं चापानल पर भटकना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार पेशम एवं गादि पंचायत में कुल 1700 कनेक्शन है जिसे पिछले 5 महीने से पानी नहीं मिला है। कार्यरत कर्मचारी मांझी तुरी ने बताया कि पहले जलमीनार कम्पनी के अंदर था तब चार कर्मचारी काम करते थे। उस समय रोज ग्रामीणों को पानी मिलता था। परन्तु जब से कम्पनी ने गादि एवं पेशम मुखिया को हेंडवोवर किया तब से ग्रामिणों को निमित पानी नहीं मिल रहा है। 5 महीने पहले मोटर एवं स्विच बोर्ड जल गया जिस वजह से पानी सप्लाई बंद है इसके अलावा 11 हजार केबल तार जल गया जिसमे नंगा तार को पाइप में डाल कर काम लिया जा रहा है। जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। तार को बांस के सहारे बांध कर पम्प हाउस तक पहुंचाया गया है।पहले काम करने वाले कर्मचारियों को 10 हजार प्रति माह वेतन मिलता था परन्तु जब मुखिया ने हेंडवोवर लिया तो 2 कर्मचारी को हटा दिया गया एवं वेतन 7 हजार कर दिया गया। अब सिर्फ 2 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। 2 कर्मचारी को हटा दिया गया। कहा पिछले 10 महीने से उनको वेतन नहीं मिला है। मुखिया ने कहा था कि 2 महीने के लिए 7 हजार रुपए महीना दिया जाएगा। जिसके बाद 10 रुपए कर दिया जाएगा परन्तु वह भी आज तक बकाया है। हमारा भी घर परिवार है बिना वेतन के घर कैसे चलेगा। त्यौहार में काफी गिड़गिड़ाने पर मुखिया हजार-2 हजार दे देते हैं। ऐसे में बच्चे की पढाई लिखाई एवं अन्य जरूरी चीज की व्यवस्था कैसे होगी।
क्या कहते हैं जेई :
जेई जहेन्द्र भगत कहते हैं कि हेंडवोवर करने के बाद जलमीनार को चलाने की जिम्मेवारी मुखिया की होती हैं एवं जलकर वसूलने की जिम्मेवारी जल सहिया की होती है। मुखिया एवं जल सहिया दोनों के सहयोग से ही ग्रामीणों को जलापूर्ति किया जाना है। हालांकि इसकी जानकारी मुझे नहीं थी पंचायत के मुखिया से बात कर इसे चालू किया जाएगा।