Homeविश्वविद्यालयहरियाणा

प्रशासन नियम को जल्द वापिस ले वर्ना हम आंदोलन करने को मजबूर होगें

रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के “हाॅस्टल स्टूडेंटस कमेटी” ने प्रशासन द्वारा हाॅस्टल आवंटन के लिए बनाया गया एक नियम जिसमे परिवार के सदस्यों का हाॅस्टल वार्डन से मिलवाना अनिवार्य किया गया था. के विरोध मे मदवि के छात्रवासों क्रमशः 6,7,8,9 के गेट पर छात्रो ने सुबह 6 बजे तालाबंदी कर दी. उसके बाद नियम के विरोध मे छात्रावास के मुख्य गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. सैकडों छात्रों ने हस्ताक्षर अभियान मे हिस्सा लिया और हस्ताक्षर कर अपना विरोध दर्ज कराया. लगभग 8:30 बजे जब छात्रावासों के आफिस खुलने का समय हुआ तो प्रशासन को तालाबंदी की खबर हुई. उसके बाद 9 बजे प्रशासन की तरफ से मुख्य सुरक्षा अधिकारी-बलराज सिंह बल्लू , सुरक्षा अधिकारी तरूण शर्मा, चीफ वार्डन-जय प्रकाश यादव और एडिशनल चीफ वार्डन- सुधीर सिंह छात्रों से मिलने आए

.हाॅस्टल लेने के लिए परिवार को मिलवाने के नियम पर प्रशासन और छात्रों के बीच लगभग 1 घंटा तीखी बहस चली.एडिशनल चीफ वार्डन सुधीर सिंह ने कहा प्रशासन का परिवार से मिलने का उद्देश्य छात्रों की प्रमाणिकता की पहचान करना और कमरों की उप किराएदारी(कमरों को बेचना) को रोकने के साथ-साथ हॉस्टलों मे होने वाली गुण्डागर्दी तथा नशे को रोकना है.

इस पर इन तमाम तर्कों को निराधार बता कर हाॅस्टल कमेटी के सदस्य अमन ने कहा की प्रमाणिक पहचान की जांच का सबसे बडा आधार छात्र का संबधित विभाग है जहां उसकी  नियमित उपस्थिति के अलावा पुरा रिकार्ड उपलबद्ध है। उप किराएदारी को मैस रजिस्टर की नियमित निगरानी और हाॅस्टल की नियमित जांच से रोका जा सकता है. नशे और गुण्डागर्दी को रोकने के लिए प्रशासन को आम पीड़ित छात्रों के सहयोग व कठोर कार्यवाही से ही काबू किया जा सकता है. उस पर परिवार के सदस्यों के एक बार आने से कोई प्रभाव नही पड़ेगा .कमेटी के एक अन्य सदस्य नवनीत ने प्रशासन को नियम जल्द से जल्द वापिस लेने की चेतावनी देते हुए कहां की मुट्ठीभर असामाजिक तत्वों की वजह से सभी छात्रों के मां-बाप को परेशान करना बिल्कुल भी सहन नही किया जाएगा. अपना काम छोड़कर और किराया लगाकर एक ऐसे काम के लिए आना जिसकी जरूरत नहीं है कितना मुनासिब है. इस पर प्रशासन विचार करे. हम विश्वविद्यालय के बालिग छात्र हैं स्कूल के बच्चे नही जो हमें हाॅस्टल लेने के लिए परिवार की जरूत पड़े. इसलिए प्रशासन नियम को जल्दी ही वापिस ले वर्ना व्यापक छात्रों को लामबंद कर हम आंदोलन करने को मजबूर होगें.