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कोरोना योद्धाओं के सम्मान व समाज में कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व की सबसे बड़ी रंगोली

आज़मगढ़(यूपी)वर्तमान में कोरोना महामारी से पूरा विश्व भयभीत है।पुलिस, डॉक्टर, सफाई कर्मचारी व प्रशासनिक अधिकारी ने कठिन परिश्रम करके समाज को इस भयंकर बीमारी से बचाने का युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं।इन कोरोना योद्धाओं के सार्थक प्रयास को नमन करने व लोगों को जागरूक करने के लिए फाइन आर्ट सेन्टर आज़मगढ़ के 11 महिला कलाकार 10 घण्टे में एक हजार दो सौ वर्ग फीट की रंगोली बना रहे हैं। इसके सभी मानको पर पूर्ण होने पर वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया अपने विश्व रिकॉर्ड में स्थान देगी।

फाइन आर्ट सेंटर की निदेशक डॉ लीना मिश्रा ने बताया कि पिछले दो वर्षों से हम अपनी कला के माध्यम से विश्व रिकार्ड्स में आज़मगढ़ जनपद के नाम को अंकित कराने के लिए प्रयासरत थे। हमारे कई प्रस्तावों के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया ने कोरोना वैश्विक महामारी पर रंगोली कला द्वारा इस कार्य की अनुमति दी।हजारों प्रविष्ठियों में फाइन आर्ट सेन्टर की डिज़ाइन सेलेक्ट हुई 30×40 फीट की रंगोली जिसे 10 घण्टे में 11 कलाकार लगातार काम कर पूरा करेंगे। इस रंगोली द्वारा यह संदेश दिया जा रहा है कि पूरे विश्व में व्याप्त कोरोना से जनमानस को बचाने के लिए हाथ जोड़ कर अपील की जा रही है कि कृपया घर पर ही रहें।बहुत ज़रूरी हो तो ही बाहर निकले वो भी मास्क लगा कर।आपकी सुरक्षा के लिए डॉक्टर, नर्स, पुलिस एवं सफाईकर्मचारी कोरोना योद्धा की तरह आपकी जीवनरेखा की रक्षा में प्रयासरत हैं. आइये इनका सम्मान करें। कोरोना से बचने का मूलमंत्र अपना लें कि दो गज की दूरी और मास्क है ज़रूरी।


इस कार्यक्रम का आयोजन चिल्ड्रन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लेक्चर हॉल में किया गया।आयोजन का उद्घाटन डीआईजी सुभाष चन्द्र दुबे ने दीप प्रज्वलित कर किया।आज़मगढ़ शिक्षा जगत के प्रमुख हस्ताक्षर श्री बजरंग त्रिपाठी व डॉ कौशलेंद्र विक्रम मिश्र ने माँ सरस्वती के चित्र में माल्यर्पण कर कर्यक्रम का शुभारंभ किया।
डी. आई. जी. ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना को हराने का आसन तरीका है कि हम गिलोय, तुलसी कालीमिर्च और अश्वगंधा का काढ़ा पिये और योगासन और प्राणायाम करें। इसके साथ दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का पालन करें। रंगोली द्वारा लोगों में जागरुकता लाने और रिकार्ड बनाने के लिए शुभकामनाएं दी। प्रबंधक बजरंग त्रिपाठी ने कलाकारो को विश्व रिकॉर्ड में अपनी कला द्वारा नाम अंकित कराने के प्रयास की सफ़लता की शुभकामनाएं दी। डॉ लीना मिश्रा,जया गौर, अंकिता श्रीवास्तव, दीपिका सिंह, सौम्या अस्थाना, स्वाति बरनवाल, ऋषिका अग्रवाल, स्वाति राय, वर्तिका कृष्णा, सहजप्रीत कौर व इशिका स्वरूप रंगों से रिकार्ड बनाने में लगी रही।कार्यक्रम का संचालन डॉ कौशलेंद्र मिश्रा ने किया।