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संक्रमण के मुश्किल दौर में भी संस्थागत प्रसव के मामलों में 12.8 फीसदी का इजाफा

संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल किशनगंज पर लोगों ने जताया भरोसा
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है लक्ष्य
01 अप्रैल से नवम्बर 2020 माह के बीच सदर अस्पताल में 3 हजार 802 प्रसव हुये

किशनगंज(बिहार)सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी है। संस्थागत प्रसव अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी की देख-रेख में कराई जाती है अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। संस्थागत प्रसव अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी की देख-रेख में कराई जाती है। साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने को तमाम सुविधाएं अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं।अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में आधारभूत सुविधाओं का सतत विकास भी इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है. एनएफएचएस 5 के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते पांच साल के दौरान जिले में संस्थागत प्रसव के मामलों में 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. तो इस दौरान घरों पर होने वाले प्रसव के मामलों में 4.2 प्रतिशत की कमी आयी है.

संस्थागत प्रसव के मामलों में 12.8 फीसदी का इजाफा :

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे एनएफएचएस 5 के रिपोर्ट के मुताबिक बीते पांच सालों के दौरान जिले में संस्थागत प्रसव के मामलों में 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. वर्ष 2015-16 में जारी एनएफएचएस 04 की रिपोर्ट में जहां जिले में 41.8 फीसदी संस्थागत प्रसव के मामले दर्ज किये गये थे. तो वहीं एनएफएचएस 5 की रिपोर्ट में ये बढ़ कर 54.6 प्रतिशत हो चुका है. एनएफएचएस 4 की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 58 प्रतिशत प्रसव सरकारी अस्पतालों में हुए थे, जो एनएफएचएस 5 की रिपोर्ट में बढ़ कर 64.9% हो गया है. इस तरह संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल के चयन संबंधी मामलों में पिछले पांच सालों में 6.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ज्ञात हो कि यूएनडीपी के सतत विकास लक्ष्यों में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने का मामला प्रमुखता से शामिल किया गया है. निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में जिला स्वास्थ्य विभाग सतत प्रयासरत है.

संक्रमण काल में भी संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल किशनगंज पर लोगों ने जताया भरोसा :

कोरोना संक्रमण के दौर में भी जिलेवासियों ने संस्थागत प्रसव के लिये सदर अस्पताल किशनगंज पर अपना भरोसा जताया. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर ने बताया एचएमआईएस डाटा के अनुसार अप्रैल से नवम्बर 2020 के बीच सदर अस्पताल में कुल 3 हजार 802 संस्थागत प्रसव किए गए. संक्रमण का दौर जब अपने चरम पर था. उस दौरान भी अस्पताल में प्रसव संबंधी सारी सेवाएं अनवरत जारी रखा गया था. जुलाई महीने में 403 , अगस्त में 549,सितंबर में 592 व अक्तूबर में 642, नवम्बर में 599 प्रसव के मामले सदर अस्पताल में हुये. इसमें सामान्य प्रसव से लेकर प्रसव संबंधी जटिल मामले भी शामिल हैं. अप्रैल से नवम्बर माह के बीच सदर अस्पताल में कुल 285 सिजेरियन मामलों का सफल निष्पादन किया गया. इसमें सिजेरियन प्रसव के कुल 158 मामले रात आठ बजे से सुबह आठ बजे के बीच किए गए हैं. जो रात्रिकालिन बेहतर प्रसव सेवाओं को दर्शाता है. प्रसव संबंधी सेवाओं के विस्तार के लिये नियमित मॉनेटरिंग व कर्मियों के क्षमता संवर्द्धन पर जोर दिया जा रहा है.

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना लागु :

सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया कि किशनगंज जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। जिसमें साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशाओं को प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रुपये आशाओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में नए लेबर रूम का निर्माण कराया गया है जहा 6 लेबर टेबल , ड्यूटी स्टेशन , टॉयज रूम , हाई रिस्क रूम , ए एन सी रूम, चेंज रूम की व्यबस्था की गयी है जिससे बेहतर प्रसव प्रबंधन की सुविधा मिलेगी एवं जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भीं बेहतर प्रसव प्रबंधन की सुविधा इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के साथ उनके बेहतर प्रसव प्रबंधन का भी ख्याल रखा जाता है। जिसमें निम्न सुविधाएं शामिल हैं :

  • सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था
  • निःशुल्क दवा की व्यवस्था
  • गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुँचाने की निःशुल्क व्यवस्था
  • प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन
  • नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण हेतु शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनश्चित कराने की व्यवस्था एवं साथ ही साथ जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाता है ।