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सदर अस्पताल परिसर के टीबी सभागार में जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) का किया गया आयोजन

अगले महीने होने वाले एमडीए अभियान को लेकर की गई चर्चा: डॉ. एमआर रंजन

आपसी समन्वय स्थापित कर एमडीए की दवा खिलाना सुनिश्चित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी: ज़िला प्रतिनिधि

सीवान(बिहार)अगले महीने सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) की शुरुआत होने जा रही है। जिसको लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित टीबी सभागार में जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) का आयोजन किया गया। 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए अभियान के पहले तीन दिन बूथ स्तर पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि 14 दिनों तक गृह भ्रमण कर स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही दवा खिलाने का काम करेंगी। प्रखंड स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मणिराज रंजन,डीपीसी इमामुल होदा,वीडीसीओ राजेश कुमार,पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार,सीफ़ार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र रस्तोगी,डीसी जमाल अख़्तर,पीसीआई के डीएमसी फिरोज़ आलम सहित जिले के सभी एमओआईसी,बीसीएम,वीबीडीएस,बीएचडब्ल्यू, बीएचआई और पीरामल के बीसी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अगले महीने होने वाले एमडीए अभियान को लेकर की गई चर्चा: डॉ. एमआर रंजन
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मणिराज रंजन ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों से कहा कि आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) का चक्र चलने वाला है जो 14 दिनों का होगा। डोर टू डोर भ्रमण के दौरान आशा दीदी या स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही दवा खिलाने का काम करेंगी।आगामी 10 फ़रवरी से चलने वाले एमडीए कार्यक्रम की सफलता के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के द्वारा ग्रामीण स्तर पर बसंतपुर भगवानपुर हाट और गोरेयाकोठी प्रखंड में पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से जुड़े सदस्यों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण एवं विद्यालयों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को छोड़ कर सभी को खिलाई जाएगी दवा: राजेश कुमार
वेक्टर जनित नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) राजेश कुमार ने कहा कि एमडीए के दौरान सभी तरह के व्यक्तियों को इन दवाओं का सेवन करना है। लेकिन गर्भवती महिलाओं सहित दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को दवा का सेवन नहीं करना है। हालांकि दो साल से पांच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है। जिला और प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए माइक्रो प्लान के तहत ही एमडीए कार्यक्रम का संचालन किया जाना है।

आपसी समन्वय स्थापित कर एमडीए की दवा खिलाना सुनिश्चित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी: ज़िला प्रतिनिधि
पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार ने प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) के दौरान उपस्थित सभी प्रतिभागियों से कहा कि आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में हम सभी को आपसी समन्वय स्थापित कर प्रत्येक व्यक्ति को एमडीए की दवा खिलाना सुनिश्चित करना होगा। तभी जाकर इसकी सार्थकता को साबित किया जा सकता है। सबसे अहम बात यह है कि एमडीए कार्यक्रम के तहत विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों को अन्य सहयोगी संस्थाओं से मिलकर इस पुनीत कार्य में ईमानदारी पूर्वक कार्य करना होगा। क्योंकि फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में एमडीए अभियान की भूमिका अहम है।