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गोपालगंज में एमडीए कार्यक्रम की सफ़लता के लिए प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) का किया गया एक दिवसीय आयोजन

पेशेंट नेटवर्क समूह से जुड़े सदस्यों द्वारा ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है लोगों को जागरूक: डॉ. सुषमा शरण

उम्र के हिसाब से लेनी है डीईसी एवं एलबेंडाजोल: डॉ. माधुरी देवाराजू

गोपालगंज(बिहार)फाइलेरिया (हाथीपांव) जैसी बीमारी से निज़ात पाने के लिए राज्य में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की शुरुआत अगले महीने 12 फरवरी से होने वाली है। जिसको लेकर जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, वीबीडीएस, बीसीएम का एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण (टीओटी) का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के आपातकालीन भवन के सभागार में किया गया है।इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. केके मिश्रा, ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. माधुरी देवाराजू, डीसीएम सत्यम कुमार, वीडीसीओ प्रशांत कुमार और विपिन कुमार, डीवीबीसी सलाहकार अमित कुमार, सिफार के डीसी रानी कुमारी और नेहा कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

आशा कार्यकर्त्ताओ के द्वारा गृह भ्रमण कर खिलाई जाएगी दवा: एसीएमओ
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. केके मिश्रा ने कहा कि एमडीए अभियान में आशा कार्यकर्त्ताओ के द्वारा गृह भ्रमण कर प्रत्येक टीम के द्वारा प्रतिदिन न्यूनतम चालिस या उससे अधिक घरों में जाकर लक्षित समूह को अपने सामने दवा का सेवन कराना सुनिश्चित करेंगी। यहां तक कि इस अभियान के तहत किसी भी दिन छूटे हुए लोगों के बीच दुबारा जाकर आशा कार्यकर्त्ताओ के द्वारा दवा का सेवन कराना सुनिश्चित कराया जाएगा। इस अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए उचित माध्यमों से सामुदायिक स्तर पर फाइलेरिया एवं सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के बारे में जागरूकता भी फैलायी जाएगी।

पेशेंट नेटवर्क समूह से जुड़े सदस्यों द्वारा ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है लोगों को जागरूक: डॉ. सुषमा शरण
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) के दौरान बताया कि एमडीए अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने को लेकर रणनीति बनायी गयी है। आगामी 12 फरवरी से चलने वाले एमडीए कार्यक्रम की सफलता के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के द्वारा सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों के माध्यम से विभिन्न विद्यालयों में जाकर शिक्षकों और स्कूली बच्चों को जागरूक किया जा रहा है।

उम्र के हिसाब से लेनी है डीईसी एवं एलबेंडाजोल: डॉ. माधुरी देवाराजू
डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. माधुरी देवाराजू ने कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों को छोड़ कर शेष सभी लोग इस दवा को खा सकते हैं। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम एलबेंडाजोल टेबलेट की एक-एक गोली खिलायी जाएगी। 06 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन एवं एलबेंडाजोल की एक गोली खिलायी जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि किसी भी हालत में उपरोक्त सभी खुराक खाली पेट नहीं खाना है। हालांकि दवा सेवन से किसी भी प्रकार से कुप्रभाव की संभावना नही है। फिर भी किसी कारणवश यदि हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर अनिवार्य रूप से चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।