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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में वनवासी वीरों का योगदान विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

कुलपति ने ‘जनजाति गौरव‘ पुस्तक का किया विमोचन
महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में बुधवार को वनवासी कल्याण आश्रम भिवानी के सहयोग से विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में वनवासी वीरों का योगदान विषय पर आधारित इस व्याख्यान में वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय युवा प्रमुख श्री वैभव सुरंगे विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति ने ‘जनजाति गौरव‘ पुस्तक का भी विमोचन किया।विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड एक स्थित मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने स्वतंत्रता के बाद भारत की रियासतों को मिलाने में लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका को याद किया।उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के बाद समाज में समानता लाने में, समस्याओं का समाधान करने में बाबा साहेब भीम राव अम्बेडर ने जो योगदान दिया वह अविस्मरणीय है। कुलपति ने इस अवसर पर सीमा के नजदीक रह रहे लोगों की परेशानियों से अवगत कराते हुए कहा कि सीमा पार से लालच देने के बावजूद भी सीमा पार नहीं करते, यह उनकी देशभक्ति ही है।उन्होंने समाज के सभी वर्ग से समरसता व अपनी क्षमता के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने विद्याथियों से समाज की समस्याओं को हल करने में मदद देने पर भी जोर दिया।कार्यक्रम में विशेषज्ञ श्री वैभव सुरंगे ने आजादी के अमृत महोत्सव के महत्त्व का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों के पड़ाव को याद करना इसलिए आवश्यक है कि युवा पीढ़ी को याद रहे कि हमनें आजादी कैसे हासिल की है। उन्होंने कहा कि भारत के गावं-गावं,गली-गली में आजादी के लिए आंदोलन हुआ तभी हम आजादी हासिल कर पाएं। श्री सुरंगे ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है और हम अपने देश की जनजातीयों के इतिहास को जानने व उन पर शोध करने पर जोर दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।