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किशनगंज में तेजी से फैलने लगा है आई फ्लू

आई फ्लू के कारण आंखों में दर्द हो तो कुछ कुछ देरी पर आंखों को ठंडे पानी से धोते रहें
आई फ्लू के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-सिविल सर्जन

किशनगंज(बिहार)जिले में आई फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इस दिक्कत से अनेक लोग जूझ रहे हैं। कंजेक्टिवाइटिस या आई फ्लू का संक्रमण लोगों को अपनी चपेट में लेने लगा है।एक से दूसरे में यह इंफेक्शन फैल भी रहा है।कंजेक्टिवाइटिस को पिंक आई, रेड आई या आई फ्लू भी कहते हैं. इस आई फ्लू से बचने में इम्युनिटी तो बड़ी भूमिका निभाती ही है साथ ही कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी होती है। मॉनसून की नमी आई फ्लू को बढ़ाने का कारण बनती है।साथ ही, बाढ़ को भी इस इंफेक्शन की वजह बताया जा रहा है।पिंक आई दो तरह की होती है, पहली वो जिसका कारण वायरस होता है और दूसरी बैक्टीरिया की वजह से होने वाली।पिंक आई आमतौर पर नाक से आंखों तक फैलती है।पहले खांसी-छींक आनी शुरू होती।फिर सूक्ष्म कण आंखों में चले जाते और इंफेक्शन की वजह बनते हैं।अगर हमें नाक-कान या गले में किसी तरह का संक्रमण है तो हम आई फ्लू की चपेट में आ सकते हैं।

आई फ्लू के लक्षण-
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि वैसे तो आई फ्लू कोई खतरनाक बीमारी नहीं हैं, लेकिन इसकी चपेट में आने से आंखों में दर्द जरूर होता है। इसे वायरल कंजंक्टिवाइटिस के रूप में भी जाना जाता है।यह विभिन्न वायरस के कारण होता है। इस स्थिति के लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं।इसके परिणामस्वरूप कई बार आंखों के लिए काफी खतरनाक भी साबित होते हैं।ऐसे में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इससे पीड़ित व्यक्ति की आंखे लाल हो जाती हैं।उसकी आंखों से पानी निकलता है। कभी-कभी आंखों में सूजन भी आ जाती है।शुरुआत में आई फ्लू एक आंख में होता है, जो जल्द ही दूसरी आंख में भी फैल जाता है।
•आई फ्लू होने पर आंखें लाल दिखने लगती हैं।
•आंखों में दर्द होने लगता है।
•आखों से पानी निकलता है।
•आंखों की ऊपरी परत धुंधली हो जाती और उसपर चिपचिपा पदार्थ नजर आने लगता है।
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि आई फलू का मुख्य कारण धुआं,धूल,पालतू जानवरों के डैंडड्रफ, केमिकल या एलर्जी और जलन करने वाली गैर-संक्रामक चीजें इस आई फलू का कारण बनती है। इसके अलावा डॉक्टरों के अनुसार लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस पहनने या उसे पहनते या उतारते समय सफाई का ध्यान ना रखने के कारण भी हो सकता है।

आई फ्लू से कैसे बचें;
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है।यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है।यह संक्रामक व्यक्ति के छींकने से भी दूसरे व्यक्ति को चपेट में ले सकती है। ऐसे में संक्रामक व्यक्ति के तौलिया, बिस्तर, तकिये या कपड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।बार-बार आंखों पर हाथ ना लगएं।आंखों पर हाथ लगाने से पहले हाथों की अच्छी तरीके से सफाई करें। समय-समय पर आंखों को साफ पानी से धोते रहें। आंखों को साफ करने के लिए उपयोग किए गए कपड़े को वापस बिना धोए इस्तेमाल ना करें।अगर आपको आई फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू को पूरी तरह ठीक होने में कम से कम 5 से 10 दिन का वक्त लग सकता है।

आई फ्लू के कारण आंखों में दर्द हो तो क्या करें;

  1. थोड़े-थोड़े समय पर ठंडे पानी से आंखों को धोते रहें।
  2. गुलाब जल से आंखों को धोने से इंफेक्शन कम होता और गंदगी हटती है।

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि आई फ्लू हो जाने से निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए

1.आई फ्लू होने पर आंखों को बार-बार छूने से परहेज करना चाहिए
2.आंखों में इंफेक्शन होने पर सबसे पहले आँखों के डॉक्टर को दिखाएं।
3.डॉक्टर की बताई दवाएं नियमित तौर पर लें।
4.न किसी का तौलिया या रूमाल इस्तेमाल करें और ना ही उन्हें अपना करने दें।
5.आंखों में इंफेक्शन होने पर चश्मा लगाएं। लेंस भूलकर भी न लगाएं।
6.स्कूल जाने वाले बच्चों को अगर आई फ्लू हो गया है तो 3 से 5 दिन बच्चों को घर में ही रहने के लिए कहें।
7.आई फ्लू कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। बहुत गंभीर स्थिति में यह 10 से 14 दिनों या फिर एक महीने तक रह सकता है। बैक्टीरियल पिंक आई इंफेक्शन है तो 10 दिन तक दिक्कत कर सकता है.
8.आंखों को बार-बार रगड़ने से परहेज करें।अपने पास साफ टिशू पेपर या रुमाल रखें और आंखों से निकले पानी को उससे साफ करें। आखें रगड़ने से बचें क्योंकि इससे दिक्कत बढ़ सकती है।
9.गर्म रुमाल को आंखों पर रखने से आराम मिल सकता है। आंखों में हो रही दिक्कत गर्म सिंकाई से कम होती है।
10.आंखों के आस-पास किसी भी तरह का मेकअप करने से बचें। खासकर ब्रश या आईशैडो वगैरह आंखों के पास ना लेकर आएं।
11.आंखों की सही तरह से सफाई करनी जरूरी है। इसलिए आंखों को गंदे हाथों से बार-बार छूने से भी बचें। रोज नहाएं और आंखों को पानी से साफ करें।
12.जिन लोगों को कंजेक्टिवाइटिस है उनके करीब आने से परहेज करें ताकि आपकी आंखें संक्रमित ना हों।
13.अन्य लोगों की चीजें इस्तेमाल करने से परहेज करें।