Homeदेशबिहारस्वास्थ्य

कोरोनाकाल में जागरूक रहे नवजात शिशु, गर्भवती व धात्री महिलाऐं

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा किया गया आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण
सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी
लोगों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरुरत

पूर्णियाँ(बिहार)कोरोना संक्रमण के साथ बढ़ते गर्मी से बचने के लिए सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।इस दौरान सेविकाओं द्वारा परिवार में उपस्थित सभी लोगों, विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को ध्यान में रखने की आवश्यक जानकारी दी जा रही है।इसे लेकर आईसीडीएस डीपीओ शोभा सिन्हा द्वारा जिले के बैसा प्रखंड के मीरगंज में आंगनबाड़ी केंद्र का निरक्षण किया गया। निरक्षण में डीपीओ द्वारा सेविकाओं से उनके पोषक क्षेत्र की जानकारी प्राप्त की गई और उन्हें लोगों को घर घर जाकर स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी देने और गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के ध्यान रखने का निर्देश दिया गया।उन्होंने कहा कि जिले में सभी जगह सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर संबंधित जानकारी दी जा रही है।

गर्भवती व धात्री महिलाओं को दें विशेष जानकारी :

निरक्षण में डीपीओ द्वारा सेविकाओं को गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधित विशेष जानकारी देने का निर्देश दिया गया।डीपीओ शोभा सिन्हा ने कहा कि गर्भवती माताओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की नियमितता अतिआवश्यक है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सके।इसे ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें नियमित जांच करते रहें। उन्हें प्रसव पूर्व जांच, गर्भावस्था के दौरान ली जाने वाली आयरन फॉलिक तथा कैल्शियम गोली तथा उचित पोषण आदि की जानकारी देते रहें।इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से खुद को कैसे बचा कर रखें इसकी भी जानकारी गर्भवती महिलाओं को अवश्य दें।इसके अलावा धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, बच्चे के बेहतर विकास हेतु उन्हें जानकारी देने का निर्देश डीपीओ द्वारा दिया गया।

नवजात शिशुओं पर ध्यान जरुरी :

निरीक्षण में सेविका को नवजात शिशुओं पर भी ध्यान देने का निर्देश दिया गया। डीपीओ शोभा सिन्हा ने कहा कोरोना संक्रमण के काल में नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों का पोषण पर ध्यान देना जरूरी है। 6 माह तक के शिशुओं को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। इस दौरान किसी भी तरह के ऊपरी आहार उन्हें नहीं दिया जा रहा हो, इसका ध्यान रखें।6 महीने के बाद उन्हें स्तनपान के साथ सम्पूरक आहार दिया जाए। बच्चों का अन्नप्राशन भी सेविकाएँ घर पर जाकर ही करें। खाना बनाने व बच्चों को खिलाने से पहले महिलाएं हाथ साफ जरूर करे। 6 महीने से ऊपर के बच्चों को दिन भर में 2-3 बार ऊपरी आहार जरूर दिया जाना चाहिए।

चलाए जा रहे सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी :


निरीक्षण के दौरान डीपीओ द्वारा सभी लोगों को उनके स्वास्थ्य संबंधित चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी भी दी गई।उन्होंने कहा कि इस निरीक्षण का उद्देश्य ग्रामीणों/लाभार्थियों के बीच कोरोना संक्रमण से संबंधित जागरूकता फैलाना तथा आईसीडीएस के सभी छह सेवाओं को सभी जनसमुदाय/प्रवासियों तक भी पहुँचाया जाना है। ज्ञातव्य हो कि वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों के बन्द रहने की स्थिति में केंद्रों द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाएं लाभार्थियों के बीच जाकर उपलब्ध कराई जा रही है। अतः पोषाहार, सुधा दूध, टीकाकरण, स्कूल पूर्व शिक्षा, रेफरल सेवा आदि की जानकारी लोगों तक पहुँचाई जा रही है। साथ ही अन्य सरकारी योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री कन्या उत्थान, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना आदि की भी जानकारी लोगों को दी जा रही है।

गर्मी व लू से बचाव की दें जानकारी :


डीपीओ द्वारा निरक्षण में सेविका को अपने पोषक क्षेत्र में लोगों को गर्मी व लू से बचाव की जानकारी देने का निर्देश दिया गया।लोगों को लू के लक्षण, उसके कुप्रभाव एवं प्राथमिक उपचार संबंधित जानकारी भी सेविकाओं द्वारा दिया जाए। लोगों को जानकारी देते समय सोशल डिस्टेंसिन्ग का ध्यान रखने का भी निर्देश सेविका को निरक्षण के दौरान दिया गया।

निरक्षण के दौरान डीपीओ के साथ पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया, आईसीडीएस सीडीपीओ मंजू कुमारी के साथ ही सेविका व सहायिका उपस्थित रहीं।