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फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों का जागरूक होना सबसे जरूरी

• बारिश के समय में मच्छरों के फैलने से बढ़ रहा खतरा
• क्यूलेक्स फैंटीगंस मादा मच्छरों के काटने से होती है फाइलेरिया
• स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों पर दिया जाता है ध्यान
• 20 अगस्त से जिले में चलेगा एमडीए कैंपेन

पूर्णियाँ(बिहार)कोरोना संक्रमण काल में गंभीर रोगों की सूची में शामिल फाइलेरिया पर रोकथाम की तैयारी तेज कर दी गयी है. फाइलेरिया पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिले में 20 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम(एमडीए) की शुरुआत होने वाली है. यह कार्यक्रम 14 दिनों तक चलेगा.

जागरूक रहकर किया गया बचाव बीमारी से बचने के लिए उपयुक्त :

ज़िला मलेरिया पदाधिकारी डॉ आरपी मंडल ने बताया फाइलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है. विशेष रूप से परजीवी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से. जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है. फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देता हैं. फाइलेरिया को खत्म करने के लिए कोई विशेष इलाज नहीं हैं लेकिन इसका जागरूक रहकर बचाव करने से इससे उबरा जा सकता है. फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को विकलांग बनाता है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव डालता है.

समय के रहते ही बीमारी की पहचान इसे खत्म करने में सहायक :
डॉ. मंडल ने बताया फाइलेरिया एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो किसी की जान तो नहीं लेती है, लेकिन जिंदा आदमी को मृत समान बना देती है. संक्रमित मच्छर के काटने से बहुत छोटे आकार के कृमि शरीर में प्रवेश करते हैं. ये कृमि लसिका तंत्र की नलियों में होते हैं और उन्हें बंद कर देते हैं. इस बीमारी को हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है. अगर समय रहते फाइलेरिया की पहचान कर ली जाए तो जल्द ही इसका इलाज शुरू कर इसे खत्म किया जा सकता है.

20 अगस्त से चलेगा एमडीए कैंपेन :
डॉ. आर. पी. मंडल ने बताया 20 अगस्त से फायलेरिया को रोकने के लिए 14 दिवसीय एमडीए कैंपेन चलाया जाएगा. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को फायलेरिया से बचाव की जानकारी देने के साथ उन्हें इसकी दवा खिलाएगी. फायलेरिया से बचने के लिए संबंधित मरीजों को डी.ई.सी. और एल्बेंडाजोल दवाई खिलाई जाती है. कोरोना के कारण इसके लिए 2 आशाओं की टीम बनाकर वार्ड के लोगों को दवाई उनके सामने खिलाना है. छह दिन दवा खिलाने के बाद सातवें दिन दुबारा भ्रमण कर आशा द्वारा मरीजों की जानकारी ली जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों की देखभाल पर दिया जा रहा है ध्यान :
जिले में फाइलेरिया के मरीजों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर किट प्रदान किए जाते हैं. सभी प्रखड़ों में आशाओं द्वारा किट के रूप में एक टब, एक मग, कॉटन बंडल, तौलिया, डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम दी जाती है जिससे सम्बंधित मरीज फाइलेरिया ग्रसित अंगों का ध्यान रख सकें. साथ ही उन्हें फाईलेरिया संबंधित जानकारी भी दी जा रही है कि कैसे लोग इस बीमारी से बच सकते हैं. इसके अलावा बारिश के कारण जिन क्षेत्रों में पानी जमा हो जाती है वैसे क्षेत्रों में नियमित रूप से छिड़काव करवाया जाता है, जिससे मच्छरों को फैलने से रोका जा सके.