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प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को गोपालगंज जाने से रोकना लोकतंत्र पर कुठाराघात है:प्रो. यादव

पटना:बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को गोपालगंज जाने से रोकना लोकतंत्र पर कुठाराघात है । तेजस्वी प्रतिपक्ष में अपनी भूमिका और जिम्मेदारी का निर्वाह करने के लिए गोपालगंज के हथुआ थाना अंतर्गत रूपन चक गांव में तिहरी हत्याकांड के प्रभावित परिवार के परिजनों से सहानुभूति मुलाकात के लिए जाना चाहते थे । उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को यह कहा था कि अगर शुक्रवार के सुबह तक हत्याकांड के नामजद अभियुक्त और कटेया के जदयू विधायक पप्पू पांडे की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो वे लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने विधायकों के साथ गोपालगंज मार्च करेंगे। इसके लिए उन्होंने विधिवत रूप से सरकार को परमिशन हेतु पत्र भी लिखा था परंतु आज उनके पटना स्थित आवास पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात कर तथा आवास को बैरिकेडिंग कर सरकार ने उन्हें बलपूर्वक गोपालगंज जाने से रोक दिया । प्रो. लालबाबू यादव ने लोकतंत्र के साथ भद्दा मजाक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष से सौहार्दपूर्ण ढंग से बाते करती और उन्हें सरकारी नियंत्रण में प्रभावित परिवारों से मिलने की इजाजत देती, लेकिन उन्हें पटना में ही लगभग हाउस अरेस्ट की तरह रखकर, जाने से मना करके राज्य सरकार ने संवैधानिक मर्यादाओं का हनन किया है। हम इसकी घोर निंदा एवं भर्तसना करते हैं प्रतिपक्ष के नेता ने राज्य में लगातार बढ़ती अपराधिक घटनाओं,लूट,हत्या,नरसंहार,बलात्कार सहित अन्य मांगों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है जिसका भी हम जोरदार समर्थन करते हैं क्योंकि शिक्षकों की हड़ताल एवं उस पर की गई दमनात्मक करवाई ,प्रवासी मजदूरों की समस्याओं क्वारंटाइन सेंटर में रहे मजदूरों की दयनीय स्थिति पर विधानसभा में बहस होनी चाहिए ताकि राज्य की जनता वास्तविकता से रूबरू हो सकें अगर सरकार ने तेजस्वी की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो जिले एवं राजभर में सरकार के विरुद्ध नियमानुसार आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की होगी।