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गरीब,वंचित समाज की लड़कियों के लिए शिक्षा आइकॉन हैं सावित्रीबाई:कुशवाहा

वैशाली के विभिन्न प्रखंड में धूमधाम से मनाई गई माता सावित्रीबाई फुले की जयंती

हाजीपुर(वैशाली)भारत की महान शिक्षा सुधारक,बालिका शिक्षा की नायिका माता सावित्रीबाई फुले की 192 वी जयंती शैक्षिक संगठन एवं सामाजिक संगठन के तत्वाधान में वैशाली जिला कुशवाहा आश्रम परिसर में मनाया गया।इस अवसर पर शिक्षाविद सावित्रीबाई फुले के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला सचिव पंकज कुशवाहा ने कहा कि आज शिक्षा,चिकित्सा,खेल के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से लेकर अंतरिक्ष तक की सफर में लड़कियों को जो मुकाम मिला है उसकी मजबूत बुनियाद सावित्रीबाई फुले ने डाला था।पूरे भारत में सावित्रीबाई की जयंती संघर्ष सह प्रेरणा दिवस के रूप में मनाई जानी चाहिए।आज गरीब,वंचित, दलित,अकलियत,पिछड़े ही नहीं सभी जातियों एवं जमात में लड़कियों की शिक्षा कि आइकॉन सावित्रीबाई फुले है।दुर्भाग्य है कि ऐसी महान शिक्षा नेत्री को वह सम्मान नहीं मिला जिस सम्मान की वो हकदार हैं।श्री कुशवाहा ने सरकार से मांग किया कि सावित्रीबाई फुले की जयंती सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रेरणा सह संघर्ष दिवस के रूप में मनाई जाए एवं इनके कार्यों को सभी वर्गों के सिलेबस में शामिल किया जाए।वैशाली जिला कुशवाहा संघ के कोषाध्यक्ष राजेंद्र कुमार वनफुल ने सावित्रीबाई फुले के कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उर्दू टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक मोहम्मद अजीम उद्दीन अंसारी ने किया। कार्यक्रम में आयुष सिंह,प्रवीण कुमार, वंदना कुमारी,निधि कुमारी,साक्षी कुमारी,नीतीश कुमार के अलावा दर्जनों लोग उपस्थित थे।वहीं जिले विभिन्न प्रखंड के विद्यालयों मे माता सावित्रीबाई फुले को जन्म दिवस पर याद किया गया।शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धापूर्वक नमन किया।वहीं जिले के महनार प्रखंड के लावापुर में भी जयंती समारोह आयोजित किया गया।जिसमें उनके विचारों को लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।