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लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर राज्यस्तरीय टीम ने दो दिनों तक सीएचसी बरारी का किया निरीक्षण

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से की गई लक्ष्य योजना शुरुआत: सिविल सर्जन

राज्यस्तरीय टीम की जांच के बाद किया जाता है अंकों का निर्धारण: डीसीक्यूए

प्रसव कक्ष एवं मैटरनिटी सेंटर में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने को लेकर किया गया निरीक्षण: एमओआईसी

कटिहार(बिहार)लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर चयनित कटिहार जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरारी का निरीक्षण राज्य स्वास्थ्य समिति की दो सदस्यीय टीम ने गुरुवार को किया। इस टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति के मीडिया सलाहकार उत्तम ज्योति नारायण एवं केयर के डॉ. महेंद्र बहेरा शामल हैं। यह टीम दो दिनों तक प्रसव कक्ष का बारीकी से निरीक्षण की है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.जय प्रकाश सिंह ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने लक्ष्य योजना शुरुआत की है। जिसके माध्यम से प्रसव कक्ष में प्रसूता को दी जाने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया जाता है। ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। लक्ष्य टीम के निरीक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिससे अस्पताल के लेबर रूम एवं प्रसूता कक्ष में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं के साथ प्रसव से जुड़ी नई-नई तकनीक के प्रयोग से जच्चा और बच्चा का पूरा ध्यान रखा जा सकेगा।

राज्यस्तरीय टीम की जांच के बाद किया जाता है अंकों का निर्धारण: डीसीक्यूए
ज़िला गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ. किसलय कुमार ने बताया कि प्रसव कक्ष के अलावा प्रसूता कक्ष को लक्ष्य प्रमाणीकरण के गाइडलाइन के तहत संस्थागत प्रसव के लिए सुव्यवस्थित तरीक़े से तैयार करते हुए हर तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। लक्ष्य योजना के मानकों के अनुरूप प्रसव से संबंधित सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। राज्य स्तरीय टीम में शामिल अधिकारियों के द्वारा जांच के बाद अंकों का निर्धारण किया जाता है। जिसमें 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में तो 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लैटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र के साथ ही प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दी जाती है। जिससे प्रसव कक्ष में आने वाली प्रसूताओं से संबंधित खर्च की जाती है।

प्रसव कक्ष एवं मैटरनिटी सेंटर में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने को लेकर किया गया निरीक्षण: एमओआईसी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरारी के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ. मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि स्थानीय अस्पताल में सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। लेकिन अत्याधुनिक तकनीक के सहारे गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए विभागीय स्तर पर दो सदस्यीय टीम के द्वारा दो दिवसीय दौरा किया गया। जिसमें मुख्य रूप से प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाना है। हालांकि लक्ष्य योजना का मूल उद्देश्य प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुख सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाने के साथ ही इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना होता है। जबकिं मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है।इस अवसर पर आरपीएमयू की ओर से डीएसी प्रियंका कुमारी, आरएमएनई सपना कुमारी, बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजर विभूति रंजन, डीसीक्यूए डॉ किसलय कुमार, स्थानीय एमओआईसी डॉ मुशर्रफ हुसैन, बीएचएम महम्मद इकलाख, बीएमएनई निरंजन कुमार, लेखापाल विनय कुमार, प्रसव कक्ष की प्रभारी पूनम कुमारी, पिरामल स्वास्थ्य की ओर से डीएमएसओ रश्मि कुमारी, डीपीएचओ अभिजीत कुमार, अमित कुमार विपुल एवं मनीष सिंह, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।