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कृषि विज्ञान केंद्र में सहजन की उन्नत खेती को लेकर प्रशिक्षण

भगवानपुर हाट(सीवान)कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को सहजन की उन्नत खेती पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ.अनुराधा रंजन कुमारी, मुख्य अतिथि डॉ. अशोक प्रियनंद, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, जेड एन इस्लामिया कॉलेज सीवान, डॉ. जोना दाखो, कृषि अभियंता कृष्णा बहादुर क्षेत्री ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया । डॉ. कुमारी ने सहजन के उपयोगिता व लाभ की जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि पोषक तत्व के हिसाब से विश्व की महत्वपूर्ण सब्जी है खनिज तत्व, रेशा , प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। गाजर से 3 से 4 गुना अधिक विटामिन ए, नींबू से 7 गुना अधिक विटामिन सी, दूध से 2 गुना अधिक प्रोटीन, 4 गुना कैल्शियम, केला से तीन गुणा अधिक पोटैसियम, पालक से 4 गुणा अधिक लौह तत्व मिलता है।

कुपोषण को दूर करने में यह वरदान साबित हो सकता है इसके कलिया, पत्तियां, छाल, फूल सभी हमारे लिए उपयोगी है। एक सहजन के पौधे में 300 से अधिक रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। 92 विटामिंस, 46% एंटी ऑक्सीकारक 36 दर्द निवारक तत्व एवं 18 प्रकार के एमिनो एसिड मिलते है। इसलिए इसे वरदान वृक्ष कहते है।डॉ. जोना दाखो उद्यान वैज्ञानिक ने सहजन की खेती की विस्तृत जानकारी दी। सहजन की खेती सभी प्रकार की मिट्टी, कम उपजाऊ मिट्टी में करना चाहिए। यह विश्व का दूसरा सबसे तेज बढ़ने वाली फसल है ।

एक हेक्टेयर में 500 ग्राम बीज से तैयार पौधे पर्याप्त है । पानी जमाव वाले खेत में ना लगाएं तना गलन की समस्या आती है । 600 से 800 पौधा 1 एकड़ में लगाना चाहिए । 2.5 मीटर की दूरी पर 50X50X50 सेंटीमीटर खुदाई कर लगाना चाहिए । सभी लोगो को सहजन का पौधा प्रजाति पी के एम 1 दिया गया है । यह साल में दो बार फलता है, इसे बरमाशी सहजन कहा जाता है। इंजीनियर कृष्ण बहादुर क्षेत्री ने सहजन के विभिन्न प्रोडक्ट बनाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया इसे सुपरफूड कहा जाता है इसकी पत्तियां से पाउडर बनाकर दैनिक उपयोग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है।जिससे बीमारियां कम होती है मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक रखता है। इसे पोषक तत्व का खजाना कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को घर में एक सहजन का पौधा जरूर लगाना चाहिए।जिससे सब्जियां मिलती रहेगी। विनोद कुमार पांडेय ने डिजिटल मीडिया के बारे में जानकारी दी। इंटरनेट के माध्यम से जानकारी प्राप्त और उससे होने वाले लाभ की विस्तृत जानकारी के साथ सभी उपस्थित किसानों और कृषक महिलाओं से आग्रह किया कि वे केंद्र से जुड़कर वैज्ञानिक तरीके से खेती कर सभी वैज्ञानिकों के ज्ञान का उपयोग अपने कृषि में करें जिससे तकनीक के साथ उत्पादन व बीज की गुणवत्ता अच्छी होगी।प्रशिक्षण का आयोजन डॉ.जोना दाखो द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ नंदीश के द्वारा दिया गया । इस गोष्ठी में विश्वजीत कुमार, सचिन कुमार, विजय कुमार, रंजीत यादव, कृष्णा, उत्तम ,अंकुश, सिंधु कुमारी सहित सैकड़ों कृषक महिला एवं कृषक उपस्थित थे सबको सहजन का पौधा वितरित किया गया।