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डोर टू डोर सर्वे करने में परेशानी हुई लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करना जरूरी

क्षेत्र के 478 घरों का किया डोर टू डोर सर्वे

इस जंग से लड़ना हम सबकी हैं जिम्मेदारी

वार्ड संख्या 38 को संक्रमण मुक्त का ली थी जिम्मेदारी

अपने क्षेत्रों में औचक निरीक्षण भी करती हैं आशा दीदी

पूर्णिया(बिहार)पूरे विश्व में कोरोना वायरस के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा है वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों के अलावे चिकित्सकों को धरातल पर सहयोग करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका भी किसी से कम नही हैं, क्योंकि स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ ग्रामीण स्तर से जुड़ कर कार्य करने वाली आशा की किरण बनकर उभरी उषा देवी एक आशा कार्यकर्ता उषा देवी कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. पूर्णिया ज़िले के ईस्ट ब्लॉक के खुश्की बाग़, चौहान टोला की रहने वाली आशा कार्यकर्ता उषा देवी भी कुछ ऐसे ही कार्य कर रही हैं जिसे स्थानीय लोग इन्हें आशा की किरण बनकर विपदा की इस घरी में अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के निवासियों को भी सुरक्षित रहने की अपील कर रही हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य कर रही हैं.

डोर टू डोर सर्वे करने में परेशानी हुई लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करना जरूरी:
आशा कार्यकर्ता उषा देवी का कहना है कि वैश्विक महामारी कोविद-19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए बृहत पैमाने पर चल रहे डोर टू डोर सर्वे अभियान में परेशानियां तो हुई हैं लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कभी भी पीछे मुड़कर नही देखी क्योंकि अपने लिए तो सभी लोग काम करते हैं जबकि दूसरे के लिए कार्य करना ही असली कर्मयोद्धा होता हैं, स्थानीय स्तर पर अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने में अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला है तभी तो दूसरे राज्यों या ज़िले से आकर घर में चोरी छिपे रहने वालों की पहचान कर उन्हें होम कोरेन्टीन कराया गया हैं.

क्षेत्र के 478 घरों का किया डोर टू डोर सर्वे:
आशा कार्यकर्ता उषा देवी ने बताया कि अपने क्षेत्र के चौहान टोला, नागेश्वर बाग़, सरदार टोला व आदिवासी टोला में घर घर जाकर 478 घरों का सर्वे कर चुकी हूं, और इन सभी गांवों में लगभग 2607 जनसंख्या हैं, सबसे बड़ी बात यह हैं कि सर्वे के दौरान एक भी कोरोना से संक्रमित या संदिग्ध मरीज नही मिला है, जबकिं चौहान टोला में 2, नागेश्वर बाग़ में 2, सरदार टोला में 3 व आदिवासी टोला में 1 ब्यक्ति बाहर से आकर रह रहे थे लेकिन सूचना मिलने पर उनलोगों को होम कोरेन्टीन रखा गया था.

वार्ड संख्या 38 को संक्रमण मुक्त का ली थी जिम्मेदारी:
उषा देवी ने बताया कि 2 अप्रैल को रात में अचानक सूचना मिली कि वार्ड संख्या 38 के चौहान टोला में दो ट्रक ड्राइवर मध्यप्रदेश के इंदौर से आकर बिना जांच के ही अपने घर में रुके हैं। मुझें जैसे ही इसकी जानकारी मिली उसी समय अपने पति के साथ उस गांव के लिए निकल परी और अपने अधिकारियों को भी सूचना दे दी फ़िर क्या था समय पर हम सभी पहुंच कर उक्त दोनों ट्रक ड्राइवरों को कोरोना के बारे में बताकर होम कोरेन्टीन करवा दी। क्योंकि उस गांव को संक्रमण से बचाने की पूरी जिम्मेदारी ली थी तो पूरी तन्मयता के साथ अपने कार्यो को पूरा किया। इनलोगों के घर वालों को भी मैंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का वचन दिलाई और ज़्यादा जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी।

अपने क्षेत्रों में औचक निरीक्षण भी करती हैं आशा दीदी:
उषा देवी कहती है कि वह अपने वार्ड संख्या 38 के पोषक क्षेत्रों में प्रतिदिन भ्रमण करती रहती हैं और कुछ लोगों से मिलकर गुप्त रूप से एक दूसरे परिवारों की चर्चा करती हैं कि किसी के घर कोई आया तो नही हैं, पता चलते ही चिन्हित परिवार के घर जाकर उन्हें अच्छी तरह से कोरोना के संबंध में बताती हैं उसके बाद इनकी बातों पर विश्वास करते हुए ख़ुद 14 दिनों तक घर में रह कर कोरोना से लड़ाई लड़ते हैं, इसके साथ ही उषा देवी ख़ुद नियमित रूप से घर-घर जाकर मॉनिटरिंग तो करती ही हैं लेकिन कभी कभी औचक निरीक्षण भी करती रहती हैं ताकि सच्चाई सामने आए की होम कोरेन्टीन वाले लोग आख़िरकार नियमों का पालन कर रहे है नही।

इस जंग से लड़ना हम सबकी हैं जिम्मेदारी:
पूर्णियाँ पूर्व प्रखंड के बीएचएम विभव कुमार ने कहा कि हर इंसान को बेहतर समय नही मिलता हैं कि किसी की सेवा करें जबकिं हमलोगों को अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने का मौका मिला है तो इससे पीछे नही हटना हैं बल्कि साबित कर के दिखाना हैं कि हम सभी को मिलकर ही इस जंग से लड़ना हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा है, ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि एक दूसरे का सहयोग करते हुए देशव्यापी वायरस को जड़ से समाप्त किया जाए।