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9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को दी जाएगी विटामिन-ए की खुराक

  • 16 सितंबर से 29 सितंबर तक चलेगा अभियान
  • विटामिन ए से शिशुओं में होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास
  • सफल कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन
  • डायरिया नियंत्रण के लिए बनेगा ओआरएस-जिंक कॉर्नर
  • कार्यक्रम को सफलता में आईसीडीएस करेगा सहयोग

पूर्णियाँ(बिहार)जिले में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ाने के लिए 16 से 29 सितंबर तक विटामिन ए की दवा का वितरण क्षेत्र की आशा कर्मियों द्वारा किया जाएगा. इसके लिए सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य अधिकारियों एवं आशा कर्मियों को माइक्रोप्लान तैयार करने और उसे सफल कार्यान्वित करने के लिए जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन ज़ूम एप के माध्यम से किया गया. उन्मुखीकरण कार्यशाला में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र पासवान ने सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को सही समय पर माइक्रोप्लान तैयार करने के साथ साथ आशाओं को इसके लिए प्रशिक्षित करने के भी निर्देश दिए. डॉ. पासवान ने बताया, विटामिन ए खुराक दिए जाने के साथ-साथ डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा भी इस दौरान चलाया जाएगा. जिसमें बच्चों को ओआरएस पैकेट के साथ जिंक की गोलियां दी जाएगी. साथ ही डायरिया नियंत्रण के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्र में ओआरएस-जिंक कॉर्नर का भी निर्माण किया जाएगा.

09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को दी जाएगी खुराक :
उन्मुखीकरण कार्यशाला के दौरान जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान ने बताया, जिले में 09 माह से 05 वर्ष तक के कुल बच्चों की संख्या 453782 है, जिसके लिए कुल 5324 बोतल खुराक उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम में आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए सिरप की खुराक गृह भ्रमण कर पिलाना सुनिश्चित करेंगी. आशा द्वारा 09 से 12 माह के बच्चों को 1 एमएल और 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को 2 एमएल विटामिन ए सिरप की खुराक दिया जाना है. साथ ही बताया नियमित टीकाकरण के दौरान विगत 4 माह में जिन बच्चों को खसरे के टीके या बूस्टर डोज के साथ विटामिन ए की खुराक पिलाई गई है ऐसे बच्चों को अभियान के दौरान विटामिन ए का अनुपूरण नहीं कराया जाएगा.

माइक्रोप्लान बनाकर उसके अनुरूप कार्य करेंगी आशाएं :

डॉ. पासवान ने बताया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आशा द्वारा माइक्रोप्लान के अनुरूप कार्य किया जाएगा. आशाएं 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए सिरप दिलाने हेतु प्रतिदिन के हिसाब से अपने गृह भ्रमण की योजना बनाएगी. 16 से 29 सितंबर तक पड़ने वाले आरोग्य दिवसों को भी माइक्रोप्लान में शामिल किया जाएगा. कार्यक्रम की शुरुआत होने के सात दिन पहले आशाएं अपना माइक्रोप्लान अपने संबंधित एएनएम को देगी. शहरी क्षेत्रों में संबंधित शहरी इकाई के सभी नोडल कर्मी तथा शहरी क्षेत्र के आशा मिलकर क्षेत्रवार गृह आधारित बच्चों की सूची तैयार करना सुनिश्चित करेंगे. सभी माइक्रोप्लान की समीक्षा कर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी द्वारा इसे राज्य स्वास्थ्य समिति को भेज जाएगा.

विटामिन ए से शिशुओं में होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास :
उन्मुखीकरण कार्यशाला के दौरान डॉ. पासवान ने बताया, विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है. विटामिन-ए की कमी शरीर के सभी अंगों के लिए नुकसानदेह है पर इसका प्रभाव केवल आंखों पर ही परिलक्षित होता है. इसे खत्म करने के लिए शिशुओं को विटामिन ए की खुराक देना जरूरी है. इससे उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. उन्होंने बताया, कंप्रेहंसिव नेशनल न्यूट्रिशन सर्वे (सीएनएनएस 2018) की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 1 से 4 वर्ष तक के 23.5 प्रतिशत बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई गई है. उन्होंने बताया कि 2019 विटामिन ए अनुपूरण कार्यक्रम में पूर्णियाँ जिला का 98 प्रतिशत आच्छादन था. इसे इस वर्ष और आगे लेकर जाना है.

कोरोना से बचाव का रखा जाएगा खयाल :
डॉ. पासवान ने बताया, आशा अपने क्षेत्र में गृह भ्रमण के दौरान कोरोना से बचाव का ध्यान रखेंगी. इसके लिए आशा मास्क, ग्लव्स इत्यादि का उपयोग करेंगी. बच्चों को दवा पिलाने से पहले आशा साबुन, सैनिटाइजर से अपने हाथों को साफ करेंगी एवं 6 फीट की शारीरिक दूरी का ध्यान रखेंगी. विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाने की गतिविधि कंटेंटमेंट क्षेत्रों में आयोजित नहीं की जाएगी और परिस्थिति सामान्य होने के उपरांत ही वहां विटामिन ए अनुपूरण की गतिविधि आयोजित की जाएगी.

डायरिया नियंत्रण के लिए बनेगा ओआरएस-जिंक कॉर्नर :
डॉ. पासवान ने बताया कि विटामिन-ए के साथ ही डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा भी 16 से 29 सितंबर तक चलेगा. घर घर सर्वे में सभी 5 वर्ष से छोटे बच्चों में डायरिया की रोकथाम के लिए ओआरएस का पैकेट दिया जाएगा. अगर कोई बच्चा डायरिया से ग्रसित है तो उसे 2 प्रति ओआरएस के साथ साथ जिंक का 14 गोली भी दिया जाएगा. डायरिया नियंत्रण के लिए जिले में ओआरएस-जिंक कॉर्नर बनाया जाएगा. ओआरएस-जिंक कॉर्नर सभी पीएचसी, एडिशनल पीएचसी, सब-सेंटर, हेल्थ एन्ड वैलनेश सेन्टर में 1-1, जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, रेफरल अस्पताल में 2-2 कॉर्नर, एक आउटडोर वार्ड व एक बच्चा वार्ड में बनाया जाएगा. कॉर्नर में एक नर्स उपलब्ध रहेंगी जो सभी की ओआरएस व जिंक देने के साथ ही इसके इस्तेमाल की भी जानकारी देंगी.

आईसीडीएस करेगा सहयोग :
विटामिन ए अभियान के कार्यान्यवन में आईसीडीएस विभाग द्वारा सहयोग किया जाएगा. आईसीडीएस द्वारा कार्यक्रम का माइक्रोप्लान बनाने में, गृह भ्रमण के दौरान आशा को अनुपूरण कार्यों में मदद करने में, सामाजिक जागरूकता फैलाने, पर्यवेक्षण करने आदि में सहयोग किया जाएगा.

उन्मुखीकरण कार्यशाला में प्रतिरक्षण पदाधिकारी के अलावा सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य अधिकारी, आईसीडीएस अधिकारी, यूनिसेफ अधिकारी व केअर इंडिया के अधिकारी उपस्थित थे.