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मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का प्रशिक्षु आईएएस ने किया उद्घाटन

  • केंद्र में मनाई गई गोदभराई की रश्म
  • परिवार नियोजन पर की गई चर्चा
  • पढ़ाई के साथ खेल कूद पर जोर देने का मिला निर्देश

पूर्णियाँ 07 मार्च जिले के कसबा प्रखंड कुलखासा पंचायत के लल्हारिया गांव में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 90 का उद्घाटन प्रशिक्षु आईएएस सह प्रभारी बीडीओ प्रतिभा रानी ने किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र में गोदभराई की रश्म भी निभाई जिसमें गर्भवती महिला को अच्छे सेहत और पोषण की जानकारी दी गई. इस दौरान गर्भवती महिला को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है, जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे. महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भेंट की गयी, जिसमें सतरंगी थाली व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे. गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर महिलाओं की गोद भराई की रश्म प्रशिक्षु आईएएस द्वारा पूरी की गई. अन्य महिलाओं के भी अच्छे सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस प्रतिभा रानी ने कहा कि महिला व बच्चे सुरक्षित रहें इसलिए सरकार ऐसे पहल करती है जिससे आम लोगों तक सही जानकारी पहुंचे और लोग उसका फायदा ले सके. मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के होने से अब यहाँ ज्यादा लोगों को अच्छी सुविधाएं और जानकारी हासिल होगी.

गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की दी गई जानकारी :
क्षेत्र की सिडीपीओ पल्लीवी कुमारी ने कहा कि गोद भराई रस्म में पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं अन्य महिलाओं ने भाग लिया. सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ा उसे तिलक लगा और गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गोद में पोषण संबंधी पुष्टाहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध,अंडा डाल सेवन करने का तरीका बताया गया. साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी. गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पुष्टाहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं.

गर्भधारण की पुष्टि होने पर डॉक्टर से करायें चेकअप:
इस दौरान उपस्थित महिला पर्यवेक्षिका शिवानी ने महिलाओं को बताया कि जैसे ही गर्भधारण की पुष्टि हो जाय वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक के निगरानी में रहें तथा नियमित रूप से चेक-अप कराएं. उन्होंने गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक बरती जाने वाली सावधानियों के बारे मे बताया. उन्होंने कहा कि आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्व की जरूरत होती है. इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है. महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड, प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम व पौष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी.

छह माह तक सिर्फ स्तनपान करायें:

आंगनबाड़ी सेविका कंचन कुमारी ने गोदभराई के साथ महिलाओं को जानकारी दी कि प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है. इसलिए जब भी मां बन रहीं हो शिशु के नियमित स्तनपान के फायदों बारे में जानकारी जरूर लें. शून्य से 6 माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और 6 से 8 माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए. छ्ह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है. 9 से 24 माह के बच्चों को स्तनपान के साथ तीन बार अर्ध ठोस पौष्टिक आहार देना चाहिए. बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आहार की विविधता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.

इस दौरान केअर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर साहिल कुमार व क्षेत्र की अनेक महिलाएं उपस्थित रहीं.