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देश में राजनीतिक आरक्षण का आरक्षित वर्ग द्वारा किया जाएगा विरोध

राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation) खत्म करो- खत्म करो- खत्म करो
एडवोकेट मंगल सिंह, रोहतक
मैं मंगल सिंह भारतीय संविधान में प्रदत्त अनुच्छेद 341 के अनुरूप अनुसूचित जाति से संबंध रखता हूँ , और आज आरक्षण को खत्म करने के पहले पड़ाव का खुल कर समर्थन करता हूँ कि भारत देश में से सबसे पहले राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation) को पूर्णतया समाप्त किया जाए। क्योंकि अब हमें इस आरक्षण व्यवस्था से चुने हुए एमएलए व एमपी की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इन अंधे बहरों को समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा व लोकसभा में भेजा गया था जिसका बोझ उठाने में ये अब सक्षम नहीं है, और सदन में सिर्फ मूकदर्शक बन कर बैठे रहते है, इनके कन्धों पर समाज का ज्यादा वजन होने की वजह से दबा हूआ महसूस कर रहे है और अब समाज भी इन के मजबूत कन्धों पर और ज्यादा वजन नहीं डालना चाहता, इसलिए मैं देश में सबसे पहले इस राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation) को समाप्त किए जाने का आह्वान करता हूँ और अब हरियाणा के साथ पूरे देश के जितने भी सामाजिक, कर्मचारी व छात्र संगठनों के प्रतिनिधि है उनसे ये अनुरोध करता हूँ की इनके आरक्षित हलकों में जा कर इनकी अर्थी निकाली जाए, पुतले फूंके जाए और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन दे कर इस राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation)को खत्म करवाया जाए, क्योंकि समाज अब इस बोझ को नहीं ढो सकता।

राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation) को समाप्त करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा तो वहां तक भी जरूर जाएंगे

(ये लेखक का निजी विचार है गौरीकिरण का इस लेख से कोई संबंध नहीं है।)