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प्रौद्योगिकी ने व्यक्ति के जीवन स्तर, साक्षरता ,स्वास्थ्य जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की-प्रो. सरोज शर्मा

मोतिहारी(बिहार)स्वामी विवेकानंद सीरीज के अंतर्गत चिंतनशील संवाद आत्म निर्भर भारत के द्वितीय चरण में शैक्षिक अध्ययन विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार , शिक्षाशास्त्र विभाग उत्तर पूर्वीय पर्वतीय विश्वविद्यालय(NEHU) मेघालय तथा शिक्षा विद्यापीठ केन्द्रीय विश्वविद्यालय तमिलनाडु के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय सार्वजनिक नीति विमर्श -2020 का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के आज द्वितीय दिवस पर “भारत की शिक्षा में पुनः उभरती सूचना और सम्प्रेषण तकनीकी नीतियों पर सार्वजनिक नीति विमर्श” उप विषय का शुभारंभ डॉ मनीषा रानी के स्वागत एव अतिथि परिचय से हुआ। कार्यक्रम के पहले विशेषज्ञ के रूप में प्रो० सरोज शर्मा(शिक्षा विद्यापीठ, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय) का सानिध्य प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने हमेशा जीवन स्तर साक्षरता ,स्वास्थ्य जागरूकता की ओर अग्रसर किया है।

तथा सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रौद्योगिकी प्रयास की सराहना की । दूसरे विशेषज्ञ के रूप में प्रो०ई०रामगणेश ( भारतीय दर्शन विश्वविद्यालय तमिलनाडु ) के अनुभवों को सुनने का सौभाग्य मिला । जिसमे उन्होंने कहा कि आई सी टी ग्रामीण विकास में मदद करने का एक नया उपकरण हो सकता है । तीसरे विशेषज्ञ प्रो० प्रशांत पांडा ( विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग ,विश्वविद्यालय तमिलनाडु) ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा मिशन ने वर्चुवल,लैबो, ओपेन सोर्स ,वर्चुवल,कान्फ्रेंस टूलों का निर्माण किया है । चौथे विशेषज्ञ के रूप में प्रो०गौरव सिंह (शिक्षा विद्यापीठ, इन्दिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ) के अनुभवों को सुनने का मौका मिला। जिसमे उन्होंने स्वयं, स्वयंप्रभा, मूक आदि पर विस्तृत चर्चा की ,तथा उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में ये प्रयास मिल का पत्थर साबित होंगे । अंतिम विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ मधुसूधन जे०वी० हैदराबाद विश्वविद्यालय ने अपने अनुभव साझा किए ,जिसमे उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में आई सी टी का महत्व है दूरवर्ती स्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढाई जा सकती है । कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ गीतम छेत्री ( शिक्षा शास्त्र विभाग NEHU विश्वविद्यालय ) ने किया । धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम सह संयोजक डॉ रश्मि श्रीवास्तव ने किया । इस मौके पर प्रो० आशीष श्रीवास्तव (संकायाध्यक्ष, शिक्षा विद्यापीठ मोतिहारी बिहार ) कार्यक्रम समन्वयक डॉ मुकेश कुमार शोधार्थी गणेश शुक्ल ,इंदुबाला, अलोकिता विशाल, मनीष, अंगद सिंह, रंजन, सविता ,रंजय पटेल, विद्यार्थी कंचन ,नवीन, संजीव, अंकित ,तूलिका नूतन के साथ पूरे भारत से दो सौ प्रतिभगी तकनीकी माध्यमों से जुड़े हुए थे ।