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एक गरीब औरत जिसने बच्चों की पाठशाला के लिये दान दे दी अपने हिस्से की आखिरी जमीन

छपरा(सारण)मन में जब समाज के लिये कुछ कर गुजरने का संकल्प हो तो समर्पण छोटा या बड़ा है यह मायने नहीं रखता।सारण के बदलुटोला पंचायत स्थित कोहबरवां गांव की बुजुर्ग महिला शिवदसिया कुंवर भी समाज के प्रति अपने समर्पण से लोगों के लिये प्रेरणास्त्रोत बन गयी हैं।जिस गांव में आजादी के सत्तर वर्ष बाद भी एक सरकारी स्कूल नहीं खुल सका वहां शिवदसिया के एक संकल्प से नियमित पाठशाला चल रही है।

गरीबी में संघर्ष कर रही इस बुजुर्ग महिला ने गांव में पाठशाला खोलने के लिये अपने हिस्से की आखिरी जमीन भी दान में दे दी। आज के दौर में जहां एक-एक इंच जमीन के लिये तलवारें तन जाती हैं वहां शिवदसिया का यह कदम समर्पण की नयी परिभाषा गढ़ रहा है। एक गरीब के इस निर्णय से प्रेरित होकर आज गांव के अन्य लोगों ने भी अपनी जमीन दान में दी है जहां लगभग 150 बच्चे जो आज तक शिक्षा से वंचित थे उन्हें नियमित रूप से पढ़ाया जा रहा है।