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एकीकृत बीमारियों को लेकर जिले में चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

संक्रमित बीमारियों की रोकथाम और उपचार को लेकर किया जा रहा जागरूक: सिविल सर्जन

जेल के बंदियों और पर्यवेक्षण गृह सहित सहारा वृद्धाश्रम में रहने वाले बेसहारा बुजुर्गो के बीच चलाया जा रहा जागरूकता अभियान: सीडीओ

पूर्णिया:बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक के द्वारा राज्य के सभी जिलों के  जिला संचारी रोग पदाधिकारी को एकीकृत बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने का दिशा – निर्देश जारी किया गया है। उन्होंने एकीकृत बीमारियों जैसे-एसटीआई,एचआईवी,टीबी और हेपेटाइटिस को लेकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। इसके आलोक में पूर्णिया के केंद्रीय कारा, बाल सुधार गृह (रिमांड होम) सहित वृद्धाश्रम में वृहत पैमाने पर एकीकृत बीमारी की जांच को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। इसको लेकर केंद्रीय कारागार,बच्चा जेल और वृद्धाश्रम में आवासित महिला और पुरुष के साथ नाबालिग बच्चों के बीच जिला आईसीटीसी पर्यवेक्षक बैजनाथ प्रसाद और जिला टीबीएचआईवी पर्यवेक्षक राजेश शर्मा के नेतृत्व में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर रीच इंडिया के चंदन कुमार, एसटीएलएस प्रिया कुमारी और परामर्शी राजीव कुमार, सतन कुमार, टीबी चैंपियन साक्षी गुप्ता और मनीष कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

संक्रमित बीमारियों की रोकथाम और उपचार को लेकर किया जा रहा है जागरूक: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ.अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है। जो यह भारत में एचआईवी / एड्स की रोकथाम के लिए 35 नियंत्रण समुदायों के माध्यम से कार्यक्रम का नियंत्रण तथा नेतृत्व करता है। राज्य मुख्यालय और जिलाधिकारी कुंदन कुमार के दिशा निर्देश में जिला मुख्यालय स्थित केंद्रीय कारा, बाल सुधार गृह(रिमांड होम),पूर्णिया सिटी स्थित वृद्धाश्रम में रहने वाले सभी बच्चे, युवा और बुजुर्गो को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों द्वारा संक्रमित बीमारियों की रोकथाम और उपचार को लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है।

जेल के बंदियों और पर्यवेक्षण गृह सहित सहारा वृद्धाश्रम में रहने वाले बेसहारा बुजुर्गो के बीच चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान: सीडीओ
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.मिहिरकांत झा ने बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन अपने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के माध्यम से भारत में एचआईवी महामारी को रोकना चाहता है। भारत की एचआईवी महामारी प्रकृति में केंद्रित मानी जाती है। वहीं नाकों ने एचआईवी संक्रमण के उच्च जोखिम में पहचानी गई आबादी के उप-समूहों के प्रति अपने निवारक प्रयासों को लक्षित किया है।ज़िले से टीबी और एड्स जैसी बीमारियों से बचाव के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों द्वारा जेल के बंदियों और पर्यवेक्षण गृह सहित सहारा वृद्धाश्रम में रहने वाले बेसहारा बुजुर्गो को जागरूक किया जा रहा है।