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रूपौली विधानसभा की चरमराई व्यवस्था के खिलाफ छैला यादव अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर

पूर्णिया(बिहार)एक 23,24 साल का होनहार और कर्मठ लड़का , आज अपनी जान की बाजी लगा के रुपौली विधानसभा की चरमराई व्यवस्था को पटरी पे लाने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पे बैठा है।उनकी मांगे किसी पार्टी विशेष की नही बल्कि संपूर्ण रुपौली विधानसभा की मांगें है।भले ही विधानसभा का नाम रुपौली हो,लेकिन इस बात से इनकार नही किया जा सकता है कि सबसे पिछड़ा प्रखंड भी रुपौली ही हैं विधानसभा का,रुपौली के कुछ गांव को हर साल बाढ़ का सामना करना पड़ता है।

लेकिन इसकी समुचित व्यवस्था का हल अभी तक नहीं हो पाया है।विधानसभा मे एक भी कॉलेज का ना होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है।यहां के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर छात्र कॉलेज दूर होने से बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते है।ऐसे ही और कुछ महत्वपूर्ण मुद्दें है जिनके लिए छैला यादव ने अपनी कमर कस ली है, और रुपौली विधानसभा के चहुमुखी विकास के लिये संघर्षरत है।आज छैला यादव को आप सभी के सपोर्ट की जरूरत है।ताकि उनको हौसले को उड़ान मिले, और मजबूती से उन मुद्दें पे डटे रहें, हमने अभी तक देखा रुपौली मे किसी भी सामाजिक संग़ठन छैला यादव के समर्थन में नहीं आये है।आखिर क्या कारण हो सकता है,ये सोचनीय विषय है।फिलहाल छैला यादव उन तमाम युवा नेता के लिए एक मिशाल के तौर पे उभर रहे हैं।जो युवा नेता सिर्फ नेता के साथ किसी तरह ठेल ठाल के सेल्फी लेना ही नेतागिरी समझते है।उनके मुँह पे छैला यादव ने जोरदार तमाचा मारा है।इस तरह का निर्णय (अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल) अमूमन छात्र नेता सपनें मे भी नही सोच पाते है, लेकिन छैला यादव ने वो कर दिखाया , माँग पूरी हो या ना हो लेकिन इनके हौसले और जज्बात की दाग देनी होगी।रुपौली विधानसभा के बड़े बड़े रसुखदार नेताओं को छैला यादव ने भूख हड़ताल कर अपनी और आकर्षित करने का काम किया है।हालांकि कुछ सफेद कुर्ता पैजामे और मुँह मे पान चबाने वाले नेताओ को इनकी भूख हड़ताल रास नही आ ही हैं