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भारत मे मजदूरों के उत्थान मे डॉ अम्बेडकर का मत्वपूर्ण योगदान है- पिंटू सिंगला

कुरुक्षेत्र 1 मई को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप मे मनाया जाता है । लेकिन भारत मे मजदूरों की आवाज ओर उन के अधिकारियों की लड़ाई लड़ने मे जब कोई नाम आता तो डॉ अम्बेडकर का नाम पहले आता । डॉ आंबेडकर स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया KUK टीम ने बाबा साहब द्वारा किये गए मजदूर सुधार व उन के अधिकारों को उजागर किया है ।
DASFI अध्यक्ष पिंटू सिंगला ने बताया कि किस प्रकार से तमाम अधिकार मजदूर, महिलाओँ, निजि एम्प्लाइज व सरकारी इम्प्लाइज को बाबा साहब ने दिए
मजदूर दिवस ( 1 मई ) और डॉ अम्बेडकर :-
1:- 12-14 घंटे काम करने के समय को 8 घंटे करने का प्रावधान किया गया ।
2:- महिला श्रमिकों के लिए मातृत्व ( मैटरनिटी लीव ) लाभ का प्रावधान किया गया ।
3:- मजदूरों के लिए ” न्यूनतम मजदूरी कानून ” का प्रावधान किया गया ।
4:- मजदूरों के लिए लड़ने के लिए ” Independent Labour Party ” का गठन किया गया ।
5:- मजदूरों को हड़ताल करने का अधिकार लेकर दिया ।
6:- बम्बई में म्युनिसिंपल कामगार यूनियन की स्थापना की गई ।
7:- कर्मचारी राज्य बीमा ( Employees State Insurance ) का गठन किया गया ।
8:- महंगाई भत्ता ( Dearness Allowance ) का प्रावधान किया गया ।
9:- रोजगार कार्यालय (Employees Exchange ) का गठन किया गया ।
10:- अभ्रक खान श्रम कल्याण निधि ( Mica Mines Labour Welfare Fund ) का प्रावधान किया गया ।