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पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हिन्दवी स्वराज्य पुस्तक का विमोचन

गागर में सागर भरने का प्रयास है हिन्दवी स्वराज्य : कुलपति प्रो. के.जी.सुरेश

छत्रपति शिवाजी एक व्यक्ति नहीं, विचार थे : डॉ. राजेश सेठी

मृत्युंजय राष्ट्र है भारत : डॉ. विकास दवे

भोपाल(एमपी)माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में लेखक गिरीश जोशी की पुस्तक हिन्दवी स्वराज्य का विमोचन कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी.सुरेश,मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ.विकास दवे,प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.राजेश सेठी,मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया । इस अवसर पर मीडिया प्रबंधन विभाग के विद्यार्थियों द्वारा निकाले गए दो समाचार पत्रों का विमोचन भी किया गया। विश्वविद्यालय में हिन्दवी स्वराज्य की अवधारणा एवं वर्तमान प्रांसगिकता विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में किया गया । छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना के 350 वें वर्ष के प्रसंग पर अपने वक्तव्य में लेखक गिरीश जोशी ने शिवाजी महाराज की राजमुद्रा, संस्कृत, स्वदेशी भाषा, छत्रपति शिवाजी महाराज के लोक कल्याण विजन के बारे में बताया।


मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो (डॉ.) के. जी. सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह पुस्तक गागर में सागर भरने का प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि पुस्तिका में हमारी जीवन शैली,धर्म, संस्कृति के बारे में बताया गया है।प्रो.सुरेश ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में कई लोगों को ज्ञात हुआ उनके आसपास कई योद्धा हैं, जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव के कारण उन्हें ऐसे वीर योद्धाओं की जानकारी मिल सकी। उन्होंने कहा कि विजय की कहानियों के बारे में बताया जाना चाहिए, पढ़ाया जाना चाहिए । प्रो. सुरेश ने कहा कि विजयादशमी के पर्व पर रावण को हर साल जलाया जाता है, क्योंकि कहीं लोग विस्मित ना कर दें, कहीं भुला ना दें।उन्होंने कहा कि हमें अपना इतिहास पता होना चाहिए,हमारी पहचान क्या है, इसका हमें इतिहास बोध बहुत आवश्यक है।कुलपति प्रो (डॉ.) सुरेश ने कहा कि शिवाजी जीजाबाई की वजह से छत्रपति शिवाजी महाराज बने।

विशिष्ट अतिथि एवं प्रसिद्ध ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश सेठी ने राष्ट्र प्रेम,राष्ट्रीय चेतना के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी एक व्यक्ति नहीं थे बल्कि एक विचार थे। उन्होंने कहा कि देश एवं देशप्रेम की भावना हम सबके के अंदर स्वत: होना चाहिए । मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे ने छत्रपति शिवाजी के व्यक्तित्व,कृतित्व के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी।उन्होंने भारत को मृत्युंजय राष्ट्र बताते हुए कहा कि भारत की कोई जन्म तिथि नहीं है।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष,शिक्षक,अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह राजपूत एवं आभार प्रदर्शन मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया ।