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सहरसा को टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए दिलायी गयी लोगों को शपथ

जन-जन तक टीबी उन्मूलन का संदेश पहुँचना आवश्यक

सहरसा(बिहार)टीबी एक जानलेवा बीमारी है। समय रहते इसका इलाज नहीं कराया गया तो इससे मौत होने की संभावना है। सरकार टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए जन-जन तक इसकी उचित जानकारी पहुँचाने के लिए विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया तथा उनको शपथ भी दिलायी गयी।

जन-जन तक टीबी उन्मूलन का संदेश पहुँचना आवश्यक:
सीएस डा. किशोर कुमार मधुप ने बताया सरकार 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए जनमानस में व्यापक तौर पर इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लक्षण नजर आने के बावजूद अधिकांश लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते हैं कि उनको टीबी हो सकती है। ऐसे में उनकी भूमिका काफी अहम हो जाती जो टीबी से ग्रसित होने के बाद पूणर्तः ठीक हो चुके हैं। टीबी से अपनी लड़ाई के बारे में लोगों को बताकर वे टीबी चैंपियंस की भूमिका निभा सकते हैं। टीबी पर प्रभावी नियंत्रण हो पाये इसके लिए बहुत जरूरी है कि लोग इस रोग के बारे में पूरी तरह से जानें एवं इससे बचने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें जो सरकार द्वारा मुफ्त में प्रदान की जाती ,का लाभ उठायें। समेकित रूप से लोगों को टीबी के बारे में जानकारी मिल सके इसके लिए जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

सीएस डा. मधुप ने बताया टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। टीबी रोगियों को सरकार द्वारा निःशुल्क दवा दी जाती है। जिले के स्वास्थ्य संस्थानों पर टीबी की निःशुल्क जांच की समुचित व्यवस्था है। लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए। जन-जन तक टीबी मुक्ति के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से लोगों तक इसके बारे में जानकारी पहुँचेगी। लोग इसके समाधान के बारे में समझ पायेंगे तभी देश सहित प्रदेश भी टीबी मुक्त हो सकेगा।

दिलायी गयी लोगों को शपथ:
केयर इंडिया की प्रखंड प्रबंधक वंदना कुमारी ने बताया जिले के विभिन्न प्रखंडों में सामुदायिक स्तर पर टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए लोगों को शपथ दिलायी गई कि वे अपने जीवन काल में क्षय रोग समाप्त करने की शपथ लेते हैं। टीबी से स्वयं को, परिवार को, अपने सहकर्मी को और पड़ोसी को बचाने की शपथ लेते हैं। लोगों के खांसने के सही तरीके का पालन करने के लिए प्रेरित करने की शपथ लेते हैं। अपने गांव, अपने जिले, अपने राज्य और अपने देश को टीबी मुक्त बनाने की शपथ लेते हैं।