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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर पूर्णिया के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में हुआ पौधारोपण

  • अंधाधुंध पेड़ों की कटाई मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक : प्रभारी सीएस
  • बढ़ते कल-कारखानों से पर्यावरण में कार्बन डाईऑक्साइड में हो रही वृद्धि, पेड़ लगाकर इसका नियंत्रण आवश्यक
  • भोपाल गैस त्रासदी में शिकार लोगों की याद में मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

पूर्णिया(बिहार)स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 02 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान लोगों के स्वस्थ रहने के लिए सामान्य दिनों में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण सुविधाओं की जानकारी दी जाती है। शनिवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया गया। इस दौरान लोगों को पर्यावरण को शुद्ध रखते हुए स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. वी पी अग्रवाल की अध्यक्षता जिला स्वास्थ्य समिति कैम्पस में पौधरोपण किया गया। इस दौरान एसीएमओ डॉ. आर पी मंडल, जीएमसीएच चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधांशु कुमार व आईडीएसपी एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला उपस्थित रहे।

अंधाधुंध पेड़ों की कटाई मानव स्वास्थ के लिए हानिकारक : प्रभारी सीएस

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. वी पी अग्रवाल ने बताया कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण काफी प्रदूषित हो रहा है। इससे हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है जो मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण लोग बहुत से बीमारियों का शिकार हो रहे  और अस्पताल में प्रतिदिन भीड़ बढ़ते जाती है। हवा को शुद्ध रखने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की जरूरत है। इससे वातावरण में ऑक्सीजन के स्तर का विकास होगा और लोग बहुत से बीमारियों से सुरक्षित रह सकेंगे।

बढ़ते कल-कारखानों से पर्यावरण में कार्बन डाईऑक्साइड में हो रही वृद्धि,पेड़ लगाकर इसका नियंत्रण आवश्यक :

एसीएमओ डॉ. आर पी मंडल ने बताया कि गांव अब तेजी से शहर में परिवर्तित हो रहा है। इसके कारण बहुत से पेड़ों को काटकर वहाँ कल-कारखानों का निर्माण किया जा रहा है। पेड़ के काटने से ऑक्सीजन की कमी होने के साथ ही कारखानों के बढ़ने से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक हो रही है। इससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इससे बचने के लिए लोगों को डीजल पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों का उपयोग कम करना चाहिए और अपने घर के आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए ताकि वातावरण संतुलित रह सके।

भोपाल गैस त्रासदी में शिकार लोगों की याद में मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस :

जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल 02 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है। 02 एवं 03 दिसंबर 1984 ई. में भोपाल (म.प्र.) में भयंकर गैस त्रासदी हुई थी जिसके बहुत से लोग शिकार हो गए थे। उन्हीं लोगों की याद में हर साल 02 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में प्रदूषण नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रदूषण रोकने के लिए लोगों को शिक्षित करना है। इस वर्ष इसका थीम “हरित बनें और शुद्ध हवा में सांस लें” है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हमें शुद्ध हवा के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का महत्व यह है कि हवा,पानी और मिट्टी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को रोकना और वायु एवं अन्य प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों की अध्यक्षता में सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया ।