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पूर्णिया में टेलीमेडिसीन से चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने में चिकित्सकों की भूमिका सराहनीय

2582 टेलीकंसल्टेंसी पूरा कर राज्य में मिला पांचवा स्थान:

जिलाधिकारी के दिशा- निर्देश में स्वास्थ्य विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य को करता है पूरा: सिविल सर्जन

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को शत- प्रतिशत उपलब्ध कराने में टेलीमेडिसिन की अहम भूमिका: एएनएम

जिले में 34 हब्स द्वारा 472 स्पोक्स के द्वारा होती है मरीजों की जांच: डीपीसी

पूर्णिया(बिहार)ग्रामीणों तक आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेंसी कार्यक्रम संचालित किया जाता है। इसके द्वारा आमलोगों को टेलीमेडिसीन के माध्यम से चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में पूर्णिया जिले को हमेशा ही टॉप टेन में स्थान मिलता है। कभी कभी तो जिले के चिकित्सकों को राज्य में पहला स्थान भी मिलते रहता है। जिले के विशेषज्ञ चिकित्सकों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और एएनएम को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन के साथ ही आवश्यक रूप से दिशा-निर्देश भी मिलता है।

जिलाधिकारी के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य को करता है पूरा: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जिलाधिकारी कुंदन कुमार के मार्गदर्शन में पूर्णिया जिला को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नित नए नए आयाम हासिल हो रहा है। संचार माध्यम से ई – संजीवनी कार्यक्रम के तहत राज्य मुख्यालय द्वारा पूर्णिया जिले को 2360 टेलीकंसल्टेंसी कराने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें 04:25 अपराह्न तक स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और कर्मियों द्वारा 2582 टेलीकंसल्टेंसी पूरा कर राज्य में पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है। विगत 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित जी- 20 के बैठक में दुनियाभर से आए तमाम देशों के राष्ट्र प्रमुख, प्रतिनिधि और शिष्टमंडल के सदस्यों को सभा कक्ष में प्रवेश करते हीं भारत सरकार के जिन 7 प्रमुख डिजिटल कार्यक्रमों को विशालकाय एलईडी के स्क्रीन पर दिखाया गया उसमें ई – संजीवनी (टेलीकंसल्टेंसी) को भी शामिल किया गया था। जो स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित होना स्वास्थ्य विभाग के लिए गौरव की बात है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को शत-प्रतिशत उपलब्ध कराने में टेलीमेडिसिन की सराहनीय भूमिका: एएनएम
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रज्जीगंज स्थित हेल्थ सब सेंटर सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम सोनी कुमारी और हेल्थ सब सेंटर चांदी पर प्रतिनियुक्त एएनएम प्रेरणा सुमन ने कहा कि जिला मुख्यालय से दूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को शत प्रतिशत उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन की भूमिका काफ़ी सराहनीय है। गांव के लोग मुख्यतः छोटी – छोटी बीमारी या संक्रमित होने की स्थिति में एचएससी या एचडब्ल्यूसी पर इलाज़ कराने के लिए आते हैं। लेकिन जब उनसे बातचीत या पूछताछ की जाती तो बीमारी कुछ और निकल जाती है। जिस कारण टेलीमेडिसीन के माध्यम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन माध्यम से मरीजों का चिकित्सक से संपर्क कराया जाता है। इसके बाद मरीजों की बीमारियों के आधार पर हमलोगों के द्वारा जांच कर चिकित्सकों को सूचित किया जाता है। इसके बाद चिकित्सकों द्वारा आवश्यक दवा उपलब्ध कराने के लिए पर्ची जारी की जाती है।

जिले में 34 हब्स द्वारा 472 स्पोक्स के द्वारा होती है मरीजों की जांच: डीपीसी
जिला योजना समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि टेलीमेडिसीन के द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे और बुजुर्गो सहित गर्भवती महिलाओं की जांच आसानी से उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में कुल 472 स्पोक्स सेंटर बनाए गए हैं। वहीं उपस्थित मरीजों की जांच के लिए 34 हब बनाया गया हैं। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा वीडियोकॉल के माध्यम से मरीजों या उनके परिजनों सहित स्पोक्स पर प्रतिनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) या एएनएम के द्वारा हब्स में उपस्थित विशेषज्ञ चिकित्सकों से ऑनलाइन माध्यम से संपर्क स्थापित किया जाता है। उनके द्वारा ऑनलाइन माध्यम से मरीजों की जांच करते हुए उन्हें दवा पर्ची उपलब्ध कराई जाती है। उसके अनुसार मरीजों को सीएचओ या एएनएम द्वारा आवश्यक दवा दी जाती है। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में मरीजों को आवश्यक इलाज के लिए नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर किया जाता है।