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झूठ तीन तरह के होते हैं,इसे समझने की जरूरत है: कुलपति प्रो.संजीव कुमार शर्मा

मोतिहारी(बिहार)महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के तत्वावधान में “वर्तमान में समाचार प्रस्तोता की चुनौतियां” विषय पर एक दिवसीय वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वेब संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि जन संचार अध्ययन विभाग द्वारा इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर कराए जाते रहे हैं जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि तीन तरह के झूठ होते हैं – झूठ, सफेद झूठ और आंकड़े आधारित झूठ। अतः यह समझने की आवश्यकता है कि आंकड़ों के माध्यम से क्या कहलवाने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने विद्यार्थियों से प्रश्न, उत्कंठा और जिज्ञासा जागृत करने की बात कही। वेब संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर डी डी नेशनल, दिल्ली के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन से पत्रकारिता के शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में टीवी 9 भारतवर्ष की पूर्व परामर्शी कार्यकारी संपादक, स्मिता शर्मा ने कहा कि जब एंकर ऑन एयर होता है तब उसके कंधे पर जिम्मेदारी आ जाती है। इसके लिए वैसे विद्यर्थियों जो एंकर बनना चाहते हैं उन्हें अपने आप को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने भेड़चाल से बचने और अपने बोलने के तरीके को सहज रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमें अपना तरीका खुद ढूंढना चाहिए। सवाल गम्भीरता के साथ शालीनता से पूछा जाना चाहिए। वेब संगोष्ठी में विषय प्रवर्तन कर रहे जन संचार अध्ययन विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रो. अरुण कुमार भगत ने कहा कि एक एंकर वास्तव में न्यूज चैनल का पर्याय बन जाता है इसलिए उनकी महत्ता भी बढ़ जाती है। प्रो. भगत ने कहा कि एंकर को एक अनुशासन के हद में रहकर ही अपनी बात करनी होती है। उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों से कहा कि प्रस्तुतिकरण की शैली रोचक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शब्दों के भाव को चेहरे के हावभाव से बताने का भी महत्व होता है एंकरिंग के दौरान। इस वेब संगोष्ठी के संचालक व संयोजक डॉ अंजनी कुमार झा थे। सह-संयोजक व धन्यवाद ज्ञापन डॉ उमा यादव ने किया। सह संयोजक डॉ सुनील दीपक घोड़के थे। इस वेब संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों से मीडिया जगत के विद्यार्थी एवं शोधार्थी जुड़े थे। इस एक दिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के जन संचार अध्ययन विभाग के प्रो. डॉ प्रशांत कुमार,प्रो. डॉ परमात्मा कुमार मिश्र,डॉ साकेत रमण व अन्य विभागों के प्राध्यापक,शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।