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स्वदेशी लोकतंत्र के हिमायती थे जेपी :सांसद बिरेंद्र सिंह मस्त

छपरा(बिहार)बलिया के सांसद बीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्वदेशी लोकतन्त्र के हिमायती थे। वे ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत कर स्वदेशी लोकतंत्र भारत में स्थापित करना चाहते थे। यही सपना गांधी और विनोबा ने भी देखा था। वे वुधवार को सारण के सिताबदियारा गांव स्थिति जेपी ट्रस्ट परिसर में आयोजित जयप्रकाश नारायण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। सांसद श्री मस्त ने कहा कि भारत का गांव पुरातन काल से अनाज उपजा कर खाता-खिलाता और बचाता रहा है।

यही तो है स्वदेशी लोकतन्त्र जो जेपी का सपना था।भारत का लोकतंत्र यहां के साढे छह लाख गांवों में बसता है। हमरा लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब हमारे गांव मजबूत होंगे और इन गांवों की कृषि अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।सारण स्नातक के विधान पार्षद डॉ.वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि पूरी दुनिया का लोकतन्त्र कैसे मजबूत हो इसकी चिंता जयप्रकाश जी को थी। राजनीतिक दल और राजनेता किस ढंग से लोकतंत्र चला रहे हैं, वे इसकी चिंता किया करते थे। चंदशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए जेपी आंदोलन और उनके साम्यवाद, कांग्रेस और समाजवाद का चित्रण किया। छपरा विधायक डॉ. सीएन गुप्ता ने कहा कि जेपी के गाँव के विकास की सदैव चिंता रहती है। सौभाग्य है मेरा कि मैं यहां का प्रतिनिधि हूं। संचालन प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह और अध्यक्षता सांसद श्री मस्त ने की। समारोह में समाजसेवी मोहन सिंह, साहित्यकार प्रो. पृथ्वीनाथ सिंह, पत्रकार स्वयं प्रकाश, शिवानुग्रह नारायण सिंह, स्थानीय मुखिया मनोकामना सिंह,पूर्व मुखिया सुरेन्दर सिंह, प्रमुख कन्हैया सिंह, शशांक शेखर तिहारी, श्री निवास, भानू सिंह, व्रीजेन्दर वर्मा,रामायणा जीवनदानी, गुड्डू जी व अन्य थे। छपरा सदर एसडीओ, डीएसपी सहित कई पदाधिकारी भी मौजूद थे।