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जी 20 के उद्देश्य ,महत्व एवं विषय आधारित संगोष्ठी का आयोजन

सारण(छपरा)जी- 20 के अंतर्गत आकाशवाणी द्वारा प्रायोजित’संगोष्ठी सह स्टूडेंट कॉन्क्लेव’ का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्ष जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फारूक अली, कार्यक्रम प्रमुख राजकुमार नाहर,आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी श्रीनिवास सहाय एवं प्रसारण अधिशासी हरेंद्र आजाद ने सम्मिलित रूप से कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया।संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. वैद्यनाथ मिश्र ने दीप मंत्र के सस्वर उच्चारण से वातावरण को भावपूर्ण बनाया।मुख्य अतिथि आकाशवाणी कार्यक्रम प्रभारी आदरणीय राजकुमार नाहर ने आकाशवाणी परिवार की ओर से स्वागत उद्बोधन के साथ जी 20 के उद्देश्य ,महत्व एवं विषय आधारित संगोष्ठी के स्वरूप पर प्रकाश डाला।माननीय कुलपति प्रो.फारूक अली ने उपस्थित विद्यार्थियों को आशीर्वचन देते हुए प्रदत्त विषय ‘ नई शिक्षा नीति’ के मुख्य बिंदुओं से अवगत कराया।उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति किस प्रकार सभी वर्ग के विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास की दृष्टि से उपयोगी है।आकाशवाणी ने विभिन्न अन्य विषयों यथा ‘संस्कृति अतुल्य भारत ‘ डिजिटल अर्थव्यवस्था ‘व्यापार और निवेश ‘ जैसे विषयों पर विद्वानों के वक्तव्य आमंत्रित किए।

हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीता ने ‘संस्कृति अतुल्य भारत’विषय पर व्याख्यान दिया।उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा अतुल्य भारत योजना वैश्विक पटल पर भारत के स्वर्णिम इतिहास,स्वर्णिम छवि ,को प्रकाशित करने के उद्देश्य से निर्मित है। इतना ही नहीं इसके माध्यम से आर्थिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों को भी प्रोन्नत एवं समृद्ध करना महती उद्देश्य है। पर्यटन विभाग की यह योजना एक साथ ही प्रगति ,प्रोन्नति एवं समृद्धि की अनेकानेक संभावनाओं से जुड़ी है।

अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने ‘डिजिटल अर्थव्यवस्था ‘विषय पर बोलते हुए बताया कि विविध संकटों एवं परिस्थितियों में भी डिजिटल अर्थव्यवस्था ने भारत को सुदृढ़ बनाये रखा है।जन-जन तक ऑनलाइन भुगतान,ऑनलाइन व्यापार के प्रशिक्षण ने भारत में प्रगति की मिसाल कायम की है।वाणिज्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ.उदयन समाजपति ने ‘व्यापार और निवेश ‘ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी।निवेश और व्यापार की दृष्टि से आंकड़ों के साथ उनका विश्लेषण यह सिद्ध करता है कि निवेश और व्यापार पारस्परिक रूप से भारत की आर्थिक नीति का मजबूत हिस्सा है।बीच बीच में गजलों की प्रस्तुति ने बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों,विभागाध्यक्षों,शिक्षकों,विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का मनोरंजन भी किया।पटना से पधारी मशहूर गजलकार श्वेता गजल एवं हिंदी विभाग के शोधार्थी विजय कुमार ने स्वरचित गजलों की सुंदर प्रस्तुतियां दीं।धन्यवाद ज्ञापन आकाशवाणी के धीर गंभीर कार्यक्रम अधिशासी श्रीनिवास सहाय जी ने किया । आकाशवाणी प्रसारण अधिशासी श्री हरेंद्र आजाद ने एक कुशल उद्घोषक और संचालक के रूप में कार्यक्रम को आकर्षण प्रदान किया। दीर्घा के बीच जी 20 संबंधी प्रश्नों को उठाकर उन्होंने कार्यक्रम से सभी को लगातार जोड़े रखा।