Homeदेशबिहारस्वास्थ्य

हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की हुई स्क्रीनिंग,जल्द होगा ऑपरेशन

ऑपरेशन के बाद फाइलेरिया मुक्त हो जाएंगे मरीज, स्थानीय अस्पताल में सुविधा मिलने पर बहुत खुश हैं मरीज:
सावधानी बरतने पर लोग रह सकते हैं फाइलेरिया से सुरक्षित:
हाथीपांव फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को सेल्फ केयर की जानकारी देकर संक्रमण नियंत्रित कर रहा स्वास्थ्य विभाग:

कटिहार(बिहार)”हाइड्रोसील फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति विशेषज्ञ चिकित्सक से समय पर जांच करवाने और ऑपरेशन करवाने पर बीमारी से मुक्त हो सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।” उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जे. पी. सिंह ने कही है। उनके द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, डंडखोरा में हाइड्रोसील फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी। कुल 09 मरीजों की जांच में 07 व्यक्ति हाइड्रोसील फाइलेरिया से ग्रसित पाए गए। उन्हें इस बीमारी के निवारण के लिए ऑपरेशन करने की जानकारी दी गई जिसे संक्रमित मरीजों द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद संबंधित मरीजों को ऑपरेशन से पूर्व मेडिकल जांच के लिए भेजा गया और अगली तिथि निर्धारित कर ऑपरेशन के लिए उपस्थित होने की जानकारी दी गई। मरीजों की स्क्रीनिंग के दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जे. पी. सिंह के साथ भीडीसीओ एन. के. मिश्रा, भीबीडीएस रुपेश कुमार,पिरामल बीसी अनुजीत रॉय कुमार, सीफार डीसी पल्लवी कुमारी, एडीसी अमन कुमार, बीसी भीम कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ऑपरेशन के बाद फाइलेरिया मुक्त हो जाएंगे मरीज :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जे. पी. सिंह ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है जो मनुष्य के शरीर के कुछ भागों को ग्रसित कर देता है। इसमें पैर, हाथ, महिलाओं का स्तन, एवं पुरुषों का हाइड्रोसील शामिल है। फाइलेरिया ग्रसित होने पर संबंधित अंग में क्यूलेक्स मच्छर का लार्वा बढ़ जाता और वहां सूजन हो जाती है। हाथ, पैर, स्तन को फाइलेरिया से पूरी तरह सुरक्षित नहीं किया जा सकता है। लेकिन हाइड्रोसील में फाइलेरिया होने पर उसे ऑपरेशन द्वारा सुरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल को सूचित करते हुए आवश्यक जांच प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। जांच रिपोर्ट सही प्राप्त होने पर व्यक्ति का ऑपरेशन किया जा सकता है। सामान्य ऑपरेशन के कुछ दिन बाद मरीज को आवश्यक दवाइयों के साथ अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। इसके बाद घर में कुछ दिन की सावधानी बरतने के बाद सम्बंधित व्यक्ति फाइलेरिया से पूरी तरह मुक्त हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि डंडखोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कैम्प आयोजित कर कुछ हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की जांच की गई है जिसमें से 07 मरीजों को ऑपरेशन के लिए चिह्नित किया गया है। उन सभी मरीजों को पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के नेटवर्क मेम्बर द्वारा चिन्हित किया गया है। भमरैली पंचायत से 03 मरीजों को नेटवर्क मेंबर आनंदी प्रसाद द्वारा, दुवासय पंचायत से 02 मरीजों को नेटवर्क मेम्बर गुरुदेव रजक द्वारा और डंडखोरा पंचायत से 02 मरीजों को रामकुमार महतो द्वारा जागरूक करते हुए भेजा गया था। डंडखोरा अस्पताल में ही ऑपरेशन के लिए एक कैम्प लगाया जाएगा जहां सभी चिह्नित मरीजों का ऑपरेशन किया जाएगा। इसके बाद सभी व्यक्ति हाइड्रोसील फाइलेरिया से मुक्त हो जाएंगे।

सावधानी बरतने पर लोग रह सकते हैं फाइलेरिया से सुरक्षित :
भीडीसीओ एन. के. मिश्रा ने बताया कि लोग सावधानी बरतने से फाइलेरिया से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को नियमित मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए जिससे कि वह क्यूलेक्स मच्छर के संपर्क से दूर रह सकें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ लोगों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए हर साल एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है जिसके तहत लोगों को डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है।  लोगों के घर-घर जाकर संबंधित दवा का सेवन आशा की उपस्थिति में कराया जाता है। लगातार पांच साल तक इसका सेवन करने से लोग फाइलेरिया जैसी बीमारी से सुरक्षित हो सकते हैं।

हाथीपांव फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को सेल्फ केयर की जानकारी देकर संक्रमण नियंत्रित कर रहा स्वास्थ्य विभाग :
हाइड्रोसील के अतिरिक्त हाथ या पैर में फाइलेरिया ग्रसित होने वाले मरीजों को फाइलेरिया मुक्त नहीं किया जा सकता। लेकिन फाइलेरिया ग्रसित अंगों को नियंत्रित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय फाइलेरिया ग्रसित मरीजों का पेशेंट सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है। डंडखोरा प्रखंड के पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के नेटवर्क मेंबर आनंदी प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर माह पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के मरीजों के साथ बैठक आयोजित कर उनके फाइलेरिया ग्रसित अंगों की जानकारी ली जाती है। बैठक में फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल में उपलब्ध आवश्यक दवाइयों की जानकारी देते हुए उसे प्राप्त करने और इसका उपयोग करने की जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही बैठक में घर में सेल्फ केयर करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है जिसके तहत फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को आवश्यक एक्सरसाइज व साफ सफाई की जानकारी दी जाती है जिसका उपयोग करने से संबंधित मरीज फाइलेरिया ग्रसित अंगों में सूजन बढ़ने से रोकते हुए उसे नियंत्रित रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल से उपलब्ध दवाइयों का उपयोग करने और घर में एक्सरसाइज करने से मेरे फाइलेरिया ग्रसित पैर में  सूजन बहुत कम हो गयी है। मुझे अब पहले की तरह समय समय पर पैर में सूजन या बुखार नहीं आता है। अन्य फाइलेरिया ग्रसित लोगों को भी इसका उपयोग करना चाहिए जिससे कि वे अपने फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित रख सकते हैं।