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राज्यस्थान:एक ही परिवार की तीन पीढियां कोरोना के खिलाफ लड़ाई में समाज के लिए बनी प्रेरणा का स्रोत

रोहिताश मीणा । जयपुर

एक ही परिवार की तीन पीढियां बनी कोरोना योद्धा

राज्यस्थान: सीकर जिला खंडेला तहसील के झूंपा गांव के बगड़िया परिवार की तीन पीढियां कर रही विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग। वर्तमान में जहां पूरा विश्व कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, वहीं इस मुश्किल घड़ी में एक परिवार की तीन पीढियां कोराना के खिलाफ लड़ाई में समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। यह परिवार खंडेला के झूंपा गांव में पतासी देवी का है जहां 85 वर्षीया पतासी देवी अग्रज की भूमिका में अपना कर्तव्य निभा रही है। पतासी देवी ने अपनी बचत में से इक्यावन सौ रुपए ग्राम पंचायत खटूनदरा सरपंच हरदेव सिंह बगड़िया को भेंट किए हैं जिसका इस्तेमाल ग्राम पंचायत को सेनेटाइज करने व जरूरतमंदों को फूड पैकेट व अन्य सामग्री वितरित करने में किया गया। इसके अलावा पतासी देवी की पौत्री डॉ अनिता अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रही है। वह इस मुश्किल घड़ी में शिशु विभाग में खांसी -जुकाम व अन्य बीमारियों से पीड़ितों की देखभाल का जिम्मा संभाल रही है। पतासी देवी की दूसरी पौत्री बसंती कुमारी हड़ीरानी महिला बटालियन में कॉन्स्टेबल हैं और वर्तमान में जयपुर में कार्यरत है। बसंती कुमारी पिछले डेढ़ महीने से कोराना के खिलाफ लड़ाई में मुस्तैदी से ड्यूटी कर रही हैं। वह लॉकडाउन, कर्फ्यू, राशन वितरण, सैंपलिंग का कार्य सुचारु रुप से करवाने में सहयोग दे रही है। परिवार का चौथा कोरोना वॉरियर नवल किशोर है जो कि बेंगलुरु में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (पूर्ववर्ती कॉरपोरेशन बैंक) में कृषि अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा है। वह पेंशन व अन्य जन कल्याण योजनाओं को मूर्त रूप देने व कृषि साख का विस्तार करने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे है।
परिवार का ही एक और सदस्य देशराज है जो महाराणा प्रताप बटालियन के कॉन्स्टेबल के रूप में सरवाड़, अजमेर में तैनात होकर लॉक डाउन, कर्फ्यू इत्यादि में जान की परवाह किए बिना दिन रात लगा हुआ है। परिवार संकट की इस घड़ी में बेजुबानों का भी पूरा ख्याल रख रहा है। परिवार घर के आस-पास परिंदे लगाकर और दाना डाल कर उनका सहारा बन रहा है। परिवार के सदस्य और पुत्र शंकर लाल ने बताया कि इससे पहले अनिता और बसंती भारत सरकार के बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बालिका उत्थान के लिए सीकर जिले की रोल मॉडल चुनी गई थी।